Pahari Mandir: रांची के पहाड़ी मंदिर का विकास अधूरा, अरघा सिस्टम से होगा जलाभिषेक [Development of Ranchi’s Pahari Mandir is incomplete, Jalabhishek will be done through Argha system]

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Pahari Mandir:

रांची। रांची के ऐतिहासिक पहाड़ी मंदिर में श्रावण मास की शुरुआत से पहले भी जीर्णोद्धार कार्य अधूरा है। पिछले वर्ष महाशिवरात्रि पर तत्कालीन मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने मंदिर के विकास के लिए 6.74 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की थी। इसके बाद अक्टूबर 2024 में पर्यटन विभाग द्वारा टेंडर जारी कर कार्य प्रारंभ किया गया, लेकिन अब तक केवल 30% काम ही हो पाया है।

Pahari Mandir: मंदिर परिसर

वर्तमान में मंदिर परिसर में गार्डवॉल, बाउंड्रीवॉल, विवाह मंडप, सामुदायिक भवन, नया गेट और पुस्तकालय जैसे कई कार्य अब भी अधूरे हैं। समिति के पूर्व प्रवक्ता बादल सिंह ने बताया कि निधि स्वीकृत होने के बावजूद कार्य धरातल पर नहीं उतरा। फंड का उपयोग मुख्यतः सीढ़ियों की मरम्मत, सजावटी गेट, कार्यालय निर्माण और चप्पल स्टैंड पर किया जाना था।

Pahari Mandir: एसडीओ उत्कर्ष कुमार

एसडीओ उत्कर्ष कुमार, जो मंदिर विकास समिति के सचिव भी हैं, ने बताया कि टाइल्स बिछाने का कार्य पूरा हो चुका है और दर्शनार्थियों की सुविधा का विशेष ध्यान रखा गया है। गुरुवार से अरघा सिस्टम के माध्यम से श्रद्धालु जलार्पण करेंगे, जबकि शुक्रवार से सीधा दर्शन प्रारंभ होगा। भविष्य की योजनाएं बीआईटी और सीएमपीडीआई द्वारा तैयार की जा रही स्ट्रक्चरल स्टेबिलिटी रिपोर्ट पर निर्भर हैं, जिसकी लागत करीब 10 लाख रुपये है। इस रिपोर्ट के आधार पर ही पहाड़ी की मजबूती और अन्य निर्माण कार्यों की दिशा तय की जाएगी।

Pahari Mandir: स्थानीय लोग मंदिर

स्थानीय लोग मंदिर के अधूरे कार्यों को लेकर निराश हैं, लेकिन प्रशासन ने जल्द काम पूरा करने का आश्वासन दिया है। श्रावण मास में लाखों श्रद्धालुओं के आगमन को देखते हुए यह कार्य अत्यंत महत्वपूर्ण बन गया है।

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