पटना : पूर्व सांसद और बाहुबली नेता आनंद मोहन की रिहाई का रास्ता साफ हो गया है। बिहार सरकार ने जेल मैनुअल के प्रावधानों में बदलाव कर उनके जेल से परमानेंट बाहर आने की सबसे बड़ी रुकावट को खत्म कर दिया है। सरकार के इस फैसले के बाद आनंद मोहन की अब जल्द ही रिहाई हो सकती है। आनंद मोहन गोपालगंज के तत्कालीन जिलाधिकारी जी कृष्णैया की हत्या मामले में उम्र कैद की सजा काट रहे हैं। फिलहाल वह पैरोल पर जेल के बाहर हैं।
नीतीश सरकार ने उनके जेल से पूरी तरह से बाहर निकलने की सारी बाधाओं को दूर कर दिया है। आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कैबिनेट की पिछली बैठक में सातवें एजेंडे के तौर पर बिहार कारा हस्तक 2012 के नियम 481, 1 ‘क’ में संशोधन करते हुए उस वाक्यांश को हटाने का फैसला लिया गया है जिसके तहत सरकारी सेवक की हत्या को अपवाद के तौर पर पहले शामिल किया गया था। इस संशोधन के साथ ही आनंद मोहन की रिहाई आसान हो जाएगी, क्योंकि एक सरकारी अधिकारी की हत्या के मामले में ही आनंद मोहन को सजा सुनाई गई थी।
बिहार की रिमिशन की पॉलिसी 1984 में दो संशोधन किए गए थे। इस संशोधन के तहत पांच कैटेगरी के कैदी को नहीं छोड़ने का प्रावधान शामिल किया गया था। वह कैदी जो एक से अधिक हत्या, दुष्कर्म, डकैती आतंकवाद की साजिश रचने और सरकारी अधिकारी की हत्या के दोषी होंगे, उनके छोड़ने का फैसला सरकार पर निर्भर था। गोपालगंज के तत्कालीन जिलाधिकारी जी. कृष्णैया की हत्या के मामले में निचली अदालत से फांसी की सजा पाने और फिर फांसी की सजा उम्रकैद में तब्दील कर दी गई थी। उनकी 14 साल की सजा पूरी हो चुकी है।
फिलहाल आनंद मोहन पेरौल पर जेल से बाहर हैं। ऐसे में नए संशोधन के बाद अब इस कैटेगरी को ही समाप्त कर दिया है। इसके कारण आनंद मोहन की रिहाई में जो अवरोध था, वह पूरी तरह समाप्त हो गया। अब जल्द ही आनंद मोहन जेल के बाहर खुली हवा में सांस ले सकेंगे।