रांची : छत्तीसगढ़ में हुए शराब घोटाले की जांच की आंच अब झारखंड में बढ़ने लगी है। ईडी ने इस मामले में कार्रवाई तेज कर दी है। इस मामले में छत्तीसगढ़ ईडी की टीम झारखंड के उत्पाद सचिव विनय कुमार चौबे और उत्पाद आयुक्त कर्ण सत्यार्थी से नौ घंटे तक पूछताछ की थी। छत्तीसगढ़ शराब घोटाले के मास्टरमाइंड की गिरफ्तारी के बाद अब संभावना है कि झारखंड के उत्पाद विभाग के अधिकारियों को ईडी फिर से पूछताछ के लिए बुलाए और पूछताछ करे।
छत्तीसगढ़ शराब घोटाले का मास्टरमाइंड अरुणपति त्रिपाठी सीएसएमसीएल का मैनेजिंग डायरेक्टर (एमडी) था। वह पार्टनर सिद्धार्थ सिंघानिया के साथ मिलकर झारखंड का काम देखता था। झारखंड में शराब के खुदरा व्यापार के लिए नियुक्त मैनपावर एजेंसियों के लिए सिद्धार्थ बिचौलिए की भूमिका निभा रहा था। ये दोनों अनवर ढेबर के लिए काम करते थे। इन तीनों ने मिलकर झारखंड में शराब के व्यापार का सरकारीकरण किया।
इसके बाद छत्तीसगढ़ की तरह की झारखंड की शराब दुकानों में ब्रांडेड शराब कंपनियों का वर्चस्व खत्म हो गया। गौरतलब है कि प्रदेश भाजपा हेमंत सरकार पर शराब घोटाले में शामिल रहने का आरोप लगाती रही है।
भाजपा विधायक दल के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी इसकी सीबीआई जांच की मांग करते रहे हैं। उनका कहना है कि हेमंत सरकार की शराब नीति से राज्य को हजारो करोड़ का नुकसान हुआ है।