पटना, एजेंसियां। पूर्णिया और कोसी-सीमांचल क्षेत्र के साथ-साथ कई इलाकों में अपना आतंक फैला चुका कुख्यात प्रमोद यादव मुठभेड़ में ढेर हो गया।
कुख्यात प्रमोद यादव झारखंड के कुख्यात अमन साहू का बहुत खास सहयोगी था। अमन साहू के सदस्यों को पनाह प्रमोद यादव देता था।
मारे गये कुख्यात प्रमोद यादव पर बिहार पुलिस ने 3 लाख का इनाम भी रखा था। मृतक प्रमोद पर डेढ़ दर्जन से ज्यादा हत्या, लूट, डकैती समेत अन्य मामले दर्ज है।
वर्ष 2020 के जनवरी माह में हथियार से लैस प्रमोद यादव गैंग ने पूर्णिया जिले के धमदाहा थाना क्षेत्र में पुलिस टीम पर जानलेवा हमला किया था।
उसी वर्ष जून माह में जमीन पर अवैध कब्जा करने को लेकर वह पुलिस बनकर आया और अपने गांव हथिऔंधा के ही इन्द्रदेव की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
वहीं, 2021 में उसने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर पूर्णिया जिले के बड़हारा थाना क्षेत्र के मोजमपट्टी गांव के अरुण कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी थी, जो अपनी पत्नी के हत्याकांड के मुख्य गवाह थे।
पूर्णिया एसपी उपेंद्रनाथ वर्मा ने बताया कि प्रमोद यादव पर पूर्णिया-मधेपुरा समेत कई जिले में एक दर्जन से अधिक सगीन अपराध दर्ज हैं।
पूर्णिया जिले के बडहरा थाना में छह, धमदाहा थाना में एक , मधेपुरा जिला के बिहारीगंज थाना में पांच और मधेपुरा जिला के पुरैनी थाना में एक केस दर्ज है।
प्रमोद यादव का आपराधिक इतिहास को खंगाला जा रहा है। उन्होंने कहा कि एसटीएफ को सूचना मिली थी कि प्रमोद यादव पूर्णिया बिहारीगंज बॉर्डर के पास एक मचान पर सोया हुआ है।
सिविल ड्रेस में एसटीएफ की टीम मौके पर पहुंची तब प्रमोद यादव ने एसटीएफ पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दिया।
इस दौरान दोनों तरफ से हुई फायरिंग में प्रमोद यादव मारा गया। पूर्णिया के रघुवंश नगर और बडहरा थाना की पुलिस और बिहारीगंज मधेपुरा जिला की पुलिस का भी काफी सहयोग रहा।
वहीं प्रमोद यादव की पत्नी ने कहा कि उनका पति मचान पर सोया हुआ था, तभी कुछ लोग सिविल ड्रेस में आए और उनकी हत्या कर दी।
पत्नी ने आरोप लगाया कि उसके पति को सरेंडर करने तक का मौका नहीं दिया गया। फिलहाल पूर्णिया और मधेपुरा जिला की पुलिस प्रमोद यादव के आपराधिक इतिहास को खंगाल रही है।
एसटीएफ सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रमोद यादव का रांची के कुख्यात अमन साहू गैंग से भी संबंध था।
2020 में उसने धमदाहा पुलिस पर भी हमला किया था। इसके अलावा उसके खिलाफ हत्या रंगदारी डकैती लूट के कई मामले दर्ज हैं।
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