नई दिल्ली, एजेंसियां। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हेमंत सोरेन की याचिका विचाराधीन रहने पर भी झारखंड हाईकोर्ट अपना फैसला सुना सकता है। इस पर की रोक नहीं है।
दरअसल, लैंड स्कैम के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपी झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में 29 अप्रैल को सुनवाई हुई थी।
सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने ईडी को नोटिस जारी करते हुए मामले की अगली सुनवाई के लिए अगले सोमवार (6 मई) की तिथि निर्धारित की है।
यह मामला सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की कोर्ट में सूचीबद्ध हुआ था। सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर इस मामले की सुनवाई के बाद आदेश अपलोड कर दिया गया है।
इसके मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि शीर्ष अदालत में मामला विचाराधीन रहने के दौरान हाईकोर्ट अपना वह फैसला सुना सकता है, जो 28 फरवरी की सुनवाई के बाद सुरक्षित रखा गया है।
यानी झारखंड हाईकोर्ट को फैसला सुनाने पर सुप्रीम कोर्ट ने कोई रोक नहीं लगाई है। सुनवाई के दौरान हेमंत सोरेन की ओर से देश के वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल और अधिवक्ता प्रज्ञा सिंह बघेल ने बहस की थी।
हेमंत सोरेन ने अपने अधिवक्ता के जरिए शीर्ष अदालत में क्रिमिनल एसएलपी (स्पेशल लीव पिटीशन) दाखिल की है। अपनी याचिका में हेमंत सोरेन ने अदालत से यह गुहार लगाई है कि उनकी ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए झारखंड हाईकोर्ट ने 28 फरवरी को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
फैसला सुरक्षित रखने के बाद करीब दो महीने बीत जाने के बाद भी हाईकोर्ट ने अब तक अपना फैसला नहीं सुनाया है।
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