Uttar Pradesh Road Accident:
लखनऊ, एजेंसियां। उत्तर प्रदेश में इस साल 1 जनवरी से 20 मई के बीच सड़क हादसों की संख्या 13,000 से ज्यादा रही, जिनमें लगभग 7,700 लोगों की जान चली गई। ये आंकड़े बेहद चौंकाने वाले हैं और राज्य में सड़क सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ाते हैं। अगर पिछले वर्षों से तुलना करें तो 2024 में कुल 46,052 सड़क दुर्घटनाएं हुई थीं, जिनमें 24,118 मौतें और 34,665 लोग घायल हुए थे। वहीं 2023 में ये संख्या थोड़ी कम थी। जब 44,534 हादसों में 23,652 लोगों की मौत हुई थी और 31,098 लोग घायल हुए थे।
Uttar Pradesh Road Accident: दोपहर और शाम के समय सबसे ज्यादा खतरा
एक नई राज्य स्तरीय रिपोर्ट के अनुसार, दोपहर और शाम के समय सड़क हादसों की संख्या सबसे ज्यादा पाई गई है। रिपोर्ट में बताया गया कि कुल हादसों में से 60 प्रतिशत से अधिक घटनाएं दोपहर 12 बजे से शाम 6 बजे के बीच और शाम 6 बजे से रात 9 बजे के बीच हुईं। ये विश्लेषण उत्तर प्रदेश सड़क सुरक्षा और जागरूकता सेल द्वारा किया गया है। जिसमें आइ रेड (इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट्स डेटाबेस), ईडीएआर (ई-डिटेल्ड एक्सीडेंट रिकॉर्ड) और राज्य के अपने रोड सेफ्टी डैशबोर्ड से लिए गए आंकड़ों का इस्तेमाल किया गया है।
Uttar Pradesh Road Accident: सबसे जानलेवा साबित हो रही दोपहर
रिपोर्ट में इस बात पर जोर दिया गया है कि दोपहर का समय सबसे खतरनाक साबित हो रहा है। इस साल 1 जनवरी से 20 मई के बीच दोपहर के वक्त 4,352 हादसे हुए, जिनमें 2,238 लोगों की जान गई। इसकी वजहें बताई गई हैं- जैसे भीषण गर्मी, ड्राइवरों की थकान, तेज रफ्तार और इस समय सड़क पर वाहनों की अत्यधिक भीड़। शाम के समय यानी 6 बजे से 9 बजे के बीच 3,254 दुर्घटनाएं दर्ज की गईं, जिनमें 1,945 लोगों की मौत हुई। यह समय दफ्तर से लौटते लोगों की भारी भीड़ और सूरज ढलने के बाद कम होती रोशनी की वजह से और खतरनाक हो जाता है।
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