UPI QR code:
नई दिल्ली, एजेंसियां। भारत में डिजिटल भुगतान प्रणाली ने नया इतिहास रच दिया है। यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के QR कोड ने सिर्फ 18 महीनों में रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की है। जून 2025 तक देश में 67.8 करोड़ से अधिक UPI QR कोड सक्रिय हो गए, जो पिछले डेढ़ साल में दोगुनी वृद्धि दर्शाते हैं। यह न केवल तकनीकी प्रगति का प्रतीक है, बल्कि भारत में छोटे व्यापारियों से लेकर ग्राहकों तक डिजिटल लेन-देन की स्वीकृति का मजबूत संकेत है।
छोटे खर्चों में बड़ा बदलाव
UPI अब केवल बड़े भुगतानों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह छोटे खर्चों का भी प्रमुख माध्यम बन गया है। किराना दुकान, डिलीवरी सर्विस, टैक्सी, या बिजली-पानी के बिल हर जगह अब QR कोड स्कैन कर भुगतान करना सामान्य बात हो गई है। 2025 की पहली छमाही में कुल ₹143.3 लाख करोड़ का लेन-देन UPI के माध्यम से हुआ, जो पिछले वर्ष की तुलना में 23% अधिक है। वहीं, कुल ट्रांजैक्शन की संख्या 10,636 करोड़ तक पहुंच गई, जो साल-दर-साल 35% की वृद्धि को दर्शाती है।
P2P और P2M दोनों में तेजी
UPI के दोनों प्रमुख चैनल व्यक्ति से व्यक्ति (P2P) और व्यक्ति से व्यापारी (P2M) में जबरदस्त वृद्धि दर्ज की गई। P2P लेन-देन 31% बढ़कर 3,935 करोड़ तक पहुंचा, जबकि P2M भुगतान में 37% की वृद्धि होकर यह 6,701 करोड़ ट्रांजैक्शन तक पहुंच गया। आगे की राहविशेषज्ञों का मानना है कि अगला चरण ग्रामीण और बुज़ुर्ग उपयोगकर्ताओं को जोड़ने का है। बायोमेट्रिक और पिन-रहित UPI जैसी तकनीकों के पायलट इस दिशा में आशा जगा रहे हैं। यदि यह रफ्तार जारी रही, तो UPI सिर्फ भुगतान का साधन नहीं, बल्कि भारत के दैनिक जीवन का अभिन्न हिस्सा बन जाएगा।
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