Three terrorists:
नई दिल्ली, एजेंसियां। भारत जल्द ही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में तीन आतंकवादियों के खिलाफ प्रस्ताव पेश करेगा। ये आतंकवादी भारत में हुए कई आतंकी हमलों में शामिल रहे हैं। माना जा रहा है कि वे पाकिस्तान में छिपे हुए हैं। इन आतंकवादियों में मोहिउद्दीन औरंगजेब आलमगीर, अली काशिफ जान, जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े हैं और यूसुफ मुजम्मिल भट्ट लश्कर-ए-तैयबा का सदस्य है।
ये 2019 के पुलवामा हमले, 2016 के पठानकोट हमले, 2008 के मुंबई हमलों, 2002 के अक्षरधाम हमले, 2005 के बेंगलुरु हमले और 2006 के मुंबई ट्रेन धमाकों में शामिल थे। एनआईए की जांच में उनकी संलिप्तता के डिजिटल सबूत मिले हैं। इन तीनों को 2020 और 2022 के बीच गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत आतंकवादी घोषित किया गया था।
Three terrorists: पाकिस्तान में छिपे बैठे हैं ये तीनों आतंकवादी
भारत सरकार अब इन आतंकवादियों के खिलाफ सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रही है। अधिकारियों का कहना है कि ये आतंकवादी पाकिस्तान में छिपकर बैठे हैं। भारत चाहता है कि सुरक्षा परिषद इन पर कार्रवाई करे। एनआईए की जांच में पता चला है कि इन पाकिस्तानी आतंकवादियों का भारत में कई हमलों में हाथ है। इनमें पुलवामा, पठानकोट, अक्षरधाम, मुंबई और बैंगलोर जैसे बड़े हमले शामिल हैं। एनआईए को इन आतंकवादियों के खिलाफ डिजिटल सबूत भी मिले हैं।
Three terrorists: कई नामों वाला है कि जैश का आतंकी औरंगजेब
मोहिउद्दीन औरंगजेब आलमगीर जैश-ए-मोहम्मद का बड़ा सरगना है। एनआईए के अनुसार, उसके कई नाम हैं, जैसे अम्मार अलवी मकतब अमीर, मुजाहिद भाई और अबू अम्मार मैडम। वह पाकिस्तान के बहावलपुर का रहने वाला है। एनआईए का कहना है कि वह 2019 के पुलवामा हमले में शामिल था। वह पाकिस्तानियों से जैश-ए-मोहम्मद के लिए पैसे जुटाता है और कश्मीर में फंड भेजने में मदद करता है। एनआईए के अनुसार, वह अफगान कैडरों की घुसपैठ कराने और जम्मू-कश्मीर में भारतीय सुरक्षा बलों पर आतंकवादी हमलों के लिए तालमेल बिठाने में भी शामिल रहा है।
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