The Lancet report:
नई दिल्ली, एजेंसियां। भारत में वायु प्रदूषण की समस्या लगातार गंभीर रूप ले रही है। द लैंसेट जर्नल में प्रकाशित एक ताज़ा वैश्विक रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2022 में भारत में पीएम 2.5 प्रदूषण के कारण 17 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई। रिपोर्ट में बताया गया कि मानव-जनित प्रदूषण से होने वाली मौतों में 2010 की तुलना में 38 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
रिपोर्ट के मुताबिक
रिपोर्ट के मुताबिक, जीवाश्म ईंधनों के उपयोग के कारण होने वाले प्रदूषण ने भी 44 प्रतिशत मौतों में योगदान दिया। दिल्ली-एनसीआर सहित देश के कई बड़े शहरों में वायु गुणवत्ता लगातार खतरनाक स्तर पर है। गुरुवार (30 अक्तूबर) को दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 400 से अधिक दर्ज किया गया, जो “गंभीर” श्रेणी में आता है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस स्तर की हवा में कुछ घंटों तक सांस लेना भी स्वास्थ्य के लिए घातक हो सकता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने दी चेतावनी
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि पीएम 2.5 कण फेफड़ों और रक्त प्रवाह में गहराई तक पहुंच जाते हैं, जिससे हृदय रोग, स्ट्रोक, अस्थमा, फेफड़ों का कैंसर और समय से पहले मृत्यु का खतरा बढ़ जाता है। दिल्ली सहित देश के कई हिस्सों में दिवाली के बाद से वायु प्रदूषण तेजी से बढ़ा है।
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