भुवनेश्वर, एजेसियां। ओडिशा के गंजाम जिले के धराकोट ब्लॉक के खालीपल्ली गांव में अंधविश्वास में एक बार फिर खूनी खेल खेला गया है। जादू-टोना के शक में ग्रामीणों ने एक परिवार पर हमला कर दिया, जिसमें पिता-पुत्र समेत तीन लोगों की जान चली गई। इस घटना ने पूरे इलाके में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है।
जादू-टोना के शक में चली गयी जान
दरअसल, खालीपल्ली गांव में कुछ परिवारों पर ग्रामीणों को शक था कि वो जादू-टोना करते हैं। इसी शक के चलते, ग्रामीणों ने उन परिवारों का सामाजिक बहिष्कार कर दिया था। बाद में, पुलिस की मदद से मामला शांत हुआ और परिवार वापस गांव में रहने लगा।
लेकिन, ग्रामीणों के मन में शक का बीज अभी भी था। रविवार रात को खदाल बेहरा नाम के एक ग्रामीण ने गाली-गलौज शुरू कर दी। इसी बात को लेकर बहस हुई और खदाल बेहरा के बेटे रत्नाकर बेहरा ने तलवार से ग्रामीणों पर हमला कर दिया।
इस हमले में चार ग्रामीण गंभीर रूप से घायल हो गए, जिनमें से एक की मौत हो गई। वहीं, ग्रामीणों ने भी जवाबी हमला किया, जिसमें रत्नाकर बेहरा और उसके पिता खदाल बेहरा की जान चली गई।
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रण में किया। गांव में तनाव को देखते हुए पुलिस की दो प्लाटून तैनात कर दी गई हैं। पुलिस ने अब तक 12 लोगों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ कर रही है।
अंधविश्वास का कहर
यह घटना एक बार फिर अंधविश्वास के खतरे को उजागर करती है। आज भी, कई गांवों में लोग जादू-टोना जैसी बातों पर विश्वास करते हैं और इसके चलते हिंसा पर उतारू हो जाते हैं। यह जरूरी है कि लोगों को जागरूक किया जाए और अंधविश्वास के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
इसे भी पढ़ें
स्वामी दयानंद सरस्वती ने अंधविश्वास, कुरीतियों को मिटाने की पहल की थी : राष्ट्रपति मुर्मू