Starlink India trial:
नई दिल्ली, एजेंसियां। एलन मस्क की सैटेलाइट इंटरनेट कंपनी Starlink अब भारत में अपने लॉन्च की तैयारी के अंतिम चरण में है। कंपनी 30 और 31 अक्टूबर को मुंबई में अपने नेटवर्क की lawful interception और सुरक्षा क्षमता का डेमो रन करेगी। यह प्रदर्शन भारत में कमर्शियल सर्विस शुरू करने से पहले एक अहम कदम माना जा रहा है, क्योंकि इसके जरिए कंपनी को डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशंस (DoT) से अंतिम मंजूरी मिलने की संभावना है।
Starlink का यह सिक्योरिटी:
Starlink का यह सिक्योरिटी डेमो भारत के सुरक्षा मानकों को परखने के लिए होगा। कंपनी ने मुंबई में तीन ग्राउंड स्टेशन बनाए हैं, जबकि चेन्नई और नोएडा में अन्य गेटवे स्टेशनों की स्थापना की जा रही है। भविष्य में इनकी संख्या 10 तक बढ़ाई जाएगी। यह डेमो यह साबित करेगा कि Starlink का नेटवर्क भारत के data security और interception laws का पालन करता है।
हाल ही में Starlink को IN-SPACe और DoT से आवश्यक स्वीकृतियां मिली हैं। इसके साथ ही उसे GMPCS लाइसेंस भी प्रदान किया गया है, जो 20 वर्षों तक वैध रहेगा। सरकार ने कंपनी को अस्थायी स्पेक्ट्रम भी आवंटित किया है ताकि डेमो के दौरान तकनीकी परीक्षण पूरे किए जा सकें।
भारत सरकार ने मई 2024 में सैटेलाइट इंटरनेट कंपनियों के लिए सख्त सुरक्षा मानक लागू किए थे, जिनके तहत सभी डेटा को भारतीय गेटवे के माध्यम से ही रूट किया जाना अनिवार्य है। साथ ही, कंपनियों को पांच साल के भीतर अपने इंफ्रास्ट्रक्चर का 20% हिस्सा made-in-India बनाना होगा।
Starlink के शुरुआती प्लान्स:
Starlink के शुरुआती प्लान्स के तहत सेटअप कॉस्ट करीब ₹30,000 और मासिक चार्ज ₹3,000–₹3,500 तक हो सकता है। कंपनी की स्पीड 25 Mbps से लेकर 225 Mbps तक होगी। हालांकि, इसका मुख्य फोकस ग्रामीण, पहाड़ी और सीमावर्ती इलाकों में इंटरनेट पहुंचाना है, जहां फाइबर नेटवर्क उपलब्ध नहीं है।
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