Bhai Dooj 2025:
नई दिल्ली,एजेंसियां। दीपोत्सव की शुरुआत धनतेरस से होती है और समापन भाई दूज के दिन होता है। यह पांच दिवसीय पर्व प्रेम, प्रकाश और पारिवारिक बंधन का प्रतीक है। इस वर्ष भाई दूज 23 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा। नाम से ही स्पष्ट है कि यह पर्व भाई-बहन के स्नेह और सुरक्षा का उत्सव है। राखी की जगह इस दिन बहन अपने भाई के माथे पर तिलक करके आरती करती है।
भारत में कई ऐसे पवित्र मंदिर हैं, जहां भाई-बहन एक साथ दर्शन कर अपने रिश्तों को नई ऊर्जा और आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।
यमुना धर्मराज मंदिर, मथुरा
उत्तर प्रदेश के मथुरा में स्थित यह प्राचीन मंदिर यमराज और यमुना माता को समर्पित है। मान्यता है कि भाई-बहन यदि यमुना में स्नान करके मंदिर में दर्शन करें, तो उनके बीच प्रेम, सम्मान और दीर्घायु का आशीर्वाद मिलता है। भाई दूज के दिन यहां विशेष उत्सव का आयोजन होता है।
बाबा वनखंडी नाथ मंदिर, सिवान
बिहार के सिवान जिले में स्थित यह मंदिर 500 वर्ष पुराना है। यहां भाई-बहन वटवृक्ष की परिक्रमा करते हैं और जीवनभर साथ बने रहने की कामना करते हैं। यह मंदिर भाई-बहन की भक्ति और प्रेम का प्रतीक माना जाता है।
भाई-बहन मंदिर, बिजनौर
उत्तर प्रदेश के चूड़ियाखेड़ा जंगल में स्थित यह मंदिर भाई-बहन के त्याग और बलिदान की कथा से जुड़ा है। किंवदंती के अनुसार सतयुग में डाकुओं से बचने के लिए भाई-बहन पत्थर की प्रतिमा बन गए थे। आज भी इस मंदिर में उनकी प्रतिमाएं विराजमान हैं।
बंसी नारायण मंदिर, चमोली
उत्तराखंड के चमोली में स्थित यह रहस्यमयी मंदिर साल में केवल एक बार खुलता है। यहां बहन अपने भाई के माथे पर तिलक करती है, जिससे दीर्घायु और शुभ फल की प्राप्ति होती है। मंदिर की प्राकृतिक सुंदरता और आध्यात्मिक आभा इसे खास बनाती है।
भाई दूज पर इन मंदिरों की यात्रा केवल पूजा नहीं, बल्कि भाई-बहन के रिश्तों को मजबूत बनाने और जीवन में खुशहाली लाने का अनुभव भी देती है।
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