Russia’s Sukhoi Superjet:
नई दिल्ली, एजेंसियां। भारत ने नागरिक उड्डयन क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) और रूस की यूनाइटेड एयरक्राफ्ट कॉर्पोरेशन (UAC) के बीच हुए समझौते के तहत अब रूस का सुखोई सुपरजेट SJ-100 भारत में ही बनाया जाएगा। 27 अक्टूबर 2025 को मॉस्को में हस्ताक्षरित यह करार ‘मेक इन इंडिया’ के तहत देश में नागरिक विमान उत्पादन का नया अध्याय खोलने वाला माना जा रहा है।
यह विमान 87 से 108 यात्रियों की क्षमता
यह विमान 87 से 108 यात्रियों की क्षमता वाला ट्विन-इंजन जेट है, जो क्षेत्रीय कनेक्टिविटी (UDAN योजना) को नई ऊंचाई दे सकता है। भारत में अगले दो दशकों में 2,200 से अधिक नागरिक विमानों की आवश्यकता होगी, ऐसे में HAL द्वारा घरेलू स्तर पर विमान निर्माण अरबों डॉलर की विदेशी निर्भरता कम कर सकता है।हालांकि, यह डील उतनी जोखिम-मुक्त नहीं है जितनी दिखती है। सुखोई सुपरजेट SJ-100 का सुरक्षा रिकॉर्ड विवादों में रहा है। 2011 से अब तक इसके 95 हादसे दर्ज किए गए हैं, जिनमें 89 लोगों की मौत हुई है। 2019 में मॉस्को एयरपोर्ट हादसे में 41 यात्रियों की जान चली गई थी। एविएशन सेफ्टी नेटवर्क के अनुसार, इन घटनाओं में 56% तकनीकी खराबी और 21% मानव त्रुटि जिम्मेदार पाई गई।
HAL का दावा
रूस ने अब इस विमान का नया वर्जन “Russified SJ-100R” लॉन्च किया है, जिसमें सभी पुर्जे घरेलू स्तर पर बने हैं। HAL का दावा है कि भारत में बनने वाले सभी विमान DGCA और ICAO मानकों के अनुरूप सर्टिफाइड होंगे।यह परियोजना भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता और रक्षा से नागरिक उड्डयन क्षेत्र तक सहयोग का प्रतीक है। पर असली चुनौती होगी क्या यह ‘मेक इन इंडिया’ का सुपर जेट आसमान में सुरक्षा और भरोसे की उड़ान भर पाएगा?
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