चर्चा के लिए JPC के पास भेजा जाएगा
नई दिल्ली, एजेंसियां। केंद्र सरकार संसद के मौजूदा सत्र में ही ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ बिल ‘ पेश कर सकती है। सूत्रों के मुताबिक, बिल चर्चा के लिए जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) के पास भेजा जाएगा, ताकि इस पर आम सहमति बन सके।
JPC बिल पर सभी राजनीतिक दलों के साथ चर्चा करेगी। केंद्रीय कैबिनेट ने सितंबर में ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।
क्या है वन नेशन वन इलेक्शन:
फिलहाल देश में लोकसभा चुनाव और राज्यों के विधानसभा चुनाव अलग-अलग समय पर होते हैं। वन नेशन वन इलेक्शन का मतलब है कि पूरे देश में एक साथ लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव। यानी वोटर्स लोकसभा और राज्य के विधानसभाओं के सदस्यों को चुनने के लिए एक ही दिन, एक ही समय पर या चरणबद्ध तरीके से वोट डालेंगे।
क्या ये देश में पहली बार होगा:
नहीं, आजादी के बाद 1952, 1957, 1962 और 1967 में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ हुए थे, लेकिन 1968 और 1969 में कई विधानसभाएं समय से पहले ही भंग कर दी गईं। इसके बाद 1970 में लोकसभा भी भंग कर दी गई। इस वजह से एक देश-एक चुनाव की परंपरा टूट गई।
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