J&K smart bus service:
श्रीनगर, एजेंसियां। जम्मू-कश्मीर में स्मार्ट सिटी मिशन के तहत शुरू की गई इलेक्ट्रिक बस सेवा सरकार के लिए सिरदर्द बन गई है। विधानसभा में सरकार ने स्वीकार किया है कि श्रीनगर और जम्मू में चल रही ‘स्मार्ट बस सेवा’ से हर दिन लगभग ₹20 लाख का नुकसान हो रहा है। पर्यावरण-अनुकूल परिवहन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू की गई यह सेवा फिलहाल भारी घाटे में है।
दोनों संभागों में घाटे की स्थिति
सरकार द्वारा पेश किए गए आंकड़ों के अनुसार, कश्मीर संभाग में प्रति किलोमीटर संचालन लागत ₹60.74 है, जबकि राजस्व केवल ₹12 प्रति किलोमीटर है। यानी प्रति किलोमीटर ₹48.74 का घाटा, जिससे कुल ₹9.74 लाख का दैनिक नुकसान हो रहा है। वहीं, जम्मू संभाग में प्रति किलोमीटर लागत ₹62.66 और राजस्व मात्र ₹10.01 है, जिससे ₹52.65 प्रति किलोमीटर का घाटा और करीब ₹10 लाख का दैनिक नुकसान दर्ज किया गया। इस तरह दोनों क्षेत्रों को मिलाकर ₹19.75 लाख का रोजाना घाटा सामने आया है।
कहां-कहां चल रहीं ई-बसें
श्रीनगर में फिलहाल 98 इलेक्ट्रिक बसें परिमपोरा–हरवान, टीआरसी–नसरुल्लाह पोरा, जहांगीर चौक–हजरतबल, पंथा चौक–नरबल और टीआरसी–बडगाम रेलवे स्टेशन जैसे रूट्स पर चल रही हैं।
वहीं, गांदरबल जिले में बटमालू–गांदरबल–डल गेट मार्ग पर 12 बसें परिचालन में हैं। हालांकि घाटे को देखते हुए सरकार ने कहा है कि फिलहाल नए रूट्स शुरू करने की कोई योजना नहीं है, बल्कि ध्यान परिचालन लागत कम करने पर रहेगा।
निजी बस ऑपरेटरों में नाराजगी
निजी बस और मिनी बस संचालकों ने शिकायत की है कि स्मार्ट बसों पर सब्सिडी मिलने से उनकी कमाई पर असर पड़ा है। उन्होंने कहा कि ई-बसों के कारण यात्रियों का रुझान निजी परिवहन से हट गया है।
हालांकि, सरकार का कहना है कि इस योजना का उद्देश्य केवल आर्थिक लाभ नहीं बल्कि सार्वजनिक परिवहन का आधुनिकीकरण, प्रदूषण में कमी और महिलाओं की सुरक्षा बढ़ाना है।फिर भी, विशेषज्ञों ने चेताया है कि बढ़ते सब्सिडी बोझ के चलते सरकार भविष्य में अन्य सार्वजनिक परिवहन साधनों के किराए बढ़ाने को मजबूर हो सकती है।
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