प्रयागराज, एजेंसियां। इस साल 13 जनवरी से कुंभ शुरू होने जा रहा है। अभी से ही लोग कुंभ स्नान और मेले में जाने की तैयारियों में जुट गये हैं। इस स्टोरी में हम आपको महाकुंभ के कुछ खास घाटों और स्थवों के बारे में बताने जा रहे हैं।
दशाश्वमेध घाट (Dashashwamedh Ghat)
दशाश्वमेध घाट अपने पौराणिक और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि यहां भगवान ब्रह्मा ने दस अश्वमेध यज्ञ किए थे। कुंभ मेले के दौरान यह घाट गंगा आरती और भजन-कीर्तन के लिए बेहद लोकप्रिय होता है। शाम के समय यहां की आरती में भाग लेने से लेकर आस-पास के लोकल डिश का आनंद लेने से आपकी यात्रा का मजा डबल हो जायेगा।
हांडी फोड़ घाट (Handi Fod Ghat)
हांडीफोड़ घाट प्रयागराज के सबसे प्राचीन घाटों में से एक है। कुंभ मेले के दौरान यहां होने वाले धार्मिक आयोजन और सांस्कृतिक कार्यक्रम इसे खास बनाते हैं। अगर आपको शांत वातावरण पसंद हैं तो इस घाट की सीढ़ियों पर बैठकर नदी की शांत लहरों को देखना और उसकी मधुर ध्वनि सुनना आपके लिए किसी फिल्मी सीन से कम नहीं होगा।
संगम घाट (Sangam Ghat)
संगम घाट वह स्थान है जहां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती नदियां मिलती हैं। इसे मोक्ष प्राप्ति का मार्ग माना जाता है। कुंभ मेले का मुख्य आकर्षण संगम पर स्नान करना है। यहां का नजारा वाकई अद्भुत होता है। आप यहां नाव की सवारी के जरिए त्रिवेणी संगम का अद्भुत दृश्य देख सकते हैं। यहां की भीड़ और माहौल आपको एक अलौकिक शांति का अनुभव कराएंगे।
केदार घाट (Kedar Ghat)
महादेव के भक्त हैं तो केदार घाट आपके लिए बेहद ही खूबसूरत जगहों में से एक हैं। यह जगह भगवान शिव को समर्पित है। शिव आराधना करने वालों के लिए यह स्थान बहुत महत्वपूर्ण है। कुंभ मेले में यहां स्नान करने और भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है।
बलुआ घाट (Balua Ghat)
यदि आप भीड़-भाड़ से दूर शांत समय बिताना चाहते हैं, तो बलुआ घाट आपके लिए परफेक्ट है। यहां का सुरम्य वातावरण ध्यान और योग के लिए उपयुक्त है। कुंभ मेले के दौरान यहां साधु-संतों का जमावड़ा रहता है, जो प्रवचन और ध्यान करते हुए आपको एक सुन्दर नजारा देखने की अनुभूति देगा।
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