सावन की पहली एकादशी: जानिए कब है कामिका व्रत, क्या है इसका महत्व ? [First Ekadashi of Sawan: Know when is Kamika Vrat, what is its importance?]

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First Ekadashi of Sawan:

नई दिल्ली, एजेंसियां। सावन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को कामिका एकादशी कहा जाता है, जो इस बार श्रद्धालुओं के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा कर मोक्ष और वैकुंठ प्राप्ति की कामना की जाती है। इस व्रत को लेकर 2025 में तिथि को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई थी कि यह व्रत 20 जुलाई को होगा या 21 जुलाई को? पंचांग के अनुसार, कामिका एकादशी तिथि की शुरुआत 20 जुलाई 2025 को दोपहर 12:12 बजे होगी और यह 21 जुलाई को सुबह 9:38 बजे समाप्त होगी। चूंकि एकादशी व्रत उदयातिथि के अनुसार रखा जाता है, इसलिए कामिका एकादशी का व्रत 21 जुलाई 2025 (सोमवार) को किया जाएगा।

First Ekadashi of Sawan:व्रत व पूजन मुहूर्त

अमृत मुहूर्त: सुबह 5:36 से 7:19 तक
शुभ मुहूर्त: सुबह 9:02 से 10:45 तक
पारण (व्रत खोलने का समय): 22 जुलाई को सुबह 5:37 से 7:05 बजे तक

सावन की पहली एकादशी: जानिए कब है कामिका व्रत, क्या है इसका महत्व ? [First Ekadashi of Sawan: Know when is Kamika Vrat, what is its importance?]

First Ekadashi of Sawan:कामिका एकादशी का महत्व

इस दिन शंख, चक्र और गदा धारण करने वाले भगवान विष्णु की पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है। इस व्रत से वाजपेय यज्ञ के बराबर पुण्य प्राप्त होता है।शास्त्रों के अनुसार, जो व्यक्ति इस दिन व्रत और रात्रि जागरण करता है, उसे न यमराज के दर्शन होते हैं और न ही नरक का भय रहता है। इस एकादशी के पुण्य को लिखने में चित्रगुप्त तक असमर्थ हो जाते हैं। कहा जाता है कि कामिका एकादशी का व्रत करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और व्यक्ति विष्णुलोक को प्राप्त करता है। यह दिन अध्यात्म, भक्ति और आत्मशुद्धि के लिए अत्यंत पवित्र है।

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