Hand sanitizer cause cancer:
नई दिल्ली, एजेंसियां। हाथों की स्वच्छता के लिए इस्तेमाल होने वाले हैंड सैनिटाइजर्स को लेकर हाल ही में गंभीर सवाल उठे हैं। यूरोपीय संघ (EU) उन हैंड सैनिटाइजर्स पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहा है जिनमें इथेनॉल (एथिल अल्कोहल) का इस्तेमाल होता है। विशेषज्ञों का कहना है कि लंबे समय तक इसके इस्तेमाल से कैंसर और प्रजनन संबंधी जोखिम बढ़ सकते हैं।
कोरोना महामारी के दौरान
कोरोना महामारी के दौरान हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल आम हो गया था, लेकिन हालिया रिपोर्ट्स में चेतावनी दी गई है कि इथेनॉल-बेस्ड सैनिटाइजर पूरी तरह सुरक्षित नहीं हो सकता। यूरोपीय कैमिकल एजेंसी (ECHA) ने 10 अक्टूबर को एक आंतरिक सिफारिश में इथेनॉल को संभावित विषाक्त पदार्थ बताया और 25 से 27 नवंबर के बीच वैज्ञानिक प्रमाणों पर चर्चा करने के लिए बैठक का आयोजन किया है। यदि प्रमाण मिले तो इन्हें बैन करने की सिफारिश की जा सकती है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और अमेरिकी रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (CDC) फिलहाल इसे सुरक्षित मानते हैं। हैंड सैनिटाइजर में इथेनॉल 60% या उससे अधिक सांद्रता में उपयोग किया जाता है, जो बैक्टीरिया और वायरस को मारने में कारगर है। विशेषज्ञों का कहना है कि सही मात्रा में इस्तेमाल करने पर यह हाथों की स्वच्छता के लिए विश्वसनीय है।
विशेषज्ञों की सलाह है
हालांकि, लंबे समय तक लगातार इस्तेमाल या उच्च सांद्रता वाले उत्पादों का उपयोग जोखिम बढ़ा सकता है। इसलिए विशेषज्ञों की सलाह है कि हैंड सैनिटाइजर का प्रयोग केवल आवश्यकतानुसार करें और हाथों को नियमित रूप से साबुन और पानी से धोते रहें।सावधानी और जागरूकता के साथ सही उत्पाद चुनना और सही तरीके से इस्तेमाल करना ही सुरक्षित हाथ स्वच्छता सुनिश्चित कर सकता है।
इसे भी पढ़ें



