Air India crash:
गांधीनगर, एजेंसियां। जून 2025 में अहमदाबाद में हुए एअर इंडिया विमान हादसे में पायलट इन कमांड दिवंगत कैप्टन सुमीत सभरवाल की मौत के चार महीने बाद उनके पिता, पुष्करराज सभरवाल ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर कर विमान दुर्घटना की निष्पक्ष, पारदर्शी और तकनीकी रूप से मजबूत जांच की मांग की है। हादसे में कुल 260 लोग मारे गए थे।
अपील में कहा गया
अपील में कहा गया है कि प्रारंभिक जांच “बेहद दोषपूर्ण” है और इसमें मुख्य रूप से पायलटों पर ध्यान केंद्रित किया गया, जो अब अपने बचाव में असमर्थ हैं। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि इस तरह का रुख मूल कारण की खोज में बाधा डालता है और भविष्य में उड़ान सुरक्षा के लिए जोखिम पैदा करता है।
याचिका में पांच सदस्यीय जांच दल की संरचना पर भी सवाल उठाए गए हैं। इसमें डीजीसीए और राज्य विमानन प्राधिकरणों के अधिकारियों का वर्चस्व है, जो नागरिक उड्डयन के नियमन और निगरानी के लिए जिम्मेदार हैं। याचिकाकर्ता तर्क देते हैं कि ऐसे मामलों में प्राकृतिक न्याय का उल्लंघन होता है क्योंकि वही संस्थाएँ स्वयं जांच कर रही हैं जिनकी प्रक्रियाओं और संभावित चूक का सीधे संबंध हादसे से है।
याचिकाकर्ता की मांग
फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स ने भी इस मामले में याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता मांग कर रहे हैं कि दुर्घटना की जांच सेवानिवृत्त न्यायाधीश की निगरानी में करवाई जाए, ताकि निष्पक्ष और तकनीकी दृष्टि से मजबूत रिपोर्ट तैयार की जा सके।
पुष्करराज सभरवाल और अन्य याचिकाकर्ता
पुष्करराज सभरवाल और अन्य याचिकाकर्ता इस बात पर जोर दे रहे हैं कि चुनिंदा खुलासों और तथ्यात्मक गलत जानकारी के कारण विमान दुर्घटना के वास्तविक कारण का पता नहीं चल पा रहा है। उनका मानना है कि न्यायिक निगरानी में जांच से न केवल दोषपूर्ण निष्कर्षों को रोका जा सकेगा, बल्कि भविष्य में उड़ानों की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी।
सुप्रीम कोर्ट अब इस याचिका पर सुनवाई कर फैसला लेगा कि हादसे की जांच कैसे और किसके नियंत्रण में करवाई जाए।
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