Kerala civic polls
तिरुवनंतपुरम, एजेंसियां। केरल में स्थानीय निकाय चुनावों की मतगणना के बीच राजधानी तिरुवनंतपुरम सबसे अधिक चर्चा में है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद शशि थरूर के संसदीय क्षेत्र में इस बार चुनावी तस्वीर बदली-बदली नजर आ रही है। ताजा रुझानों के अनुसार, तिरुवनंतपुरम नगर निगम के 101 वार्डों में भाजपा समर्थित एनडीए ने 50 सीटों पर बढ़त बना ली है। यह प्रदर्शन कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि यह इलाका लंबे समय से उसका मजबूत गढ़ रहा है।
एलडीएफ और यूडीएफ का हाल
मतगणना के मौजूदा आंकड़ों के मुताबिक, सत्तारूढ़ लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) 20 सीटों पर आगे चल रहा है, जबकि कांग्रेस के नेतृत्व वाला यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) 29 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। हालांकि यूडीएफ दूसरे स्थान पर है, लेकिन भाजपा की मजबूत मौजूदगी ने मुकाबले को त्रिकोणीय और कहीं अधिक चुनौतीपूर्ण बना दिया है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि शहरी इलाकों में भाजपा का यह उभार आने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनावों के लिए संकेत हो सकता है।
दो चरणों में हुआ मतदान
केरल के 14 जिलों में स्थानीय निकाय चुनाव दो चरणों में संपन्न हुए। पहले चरण में तिरुवनंतपुरम समेत छह जिलों में मतदान हुआ, जहां औसत मतदान प्रतिशत 70.90 रहा। एर्नाकुलम में सबसे अधिक 73.96 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया, जबकि पथानमथिट्टा में सबसे कम 66.35 प्रतिशत मतदान हुआ।
दूसरे चरण में रिकॉर्ड भागीदारी
दूसरे चरण में सात जिलों में 1.53 करोड़ से अधिक मतदाताओं ने मतदान किया। इस चरण में ग्राम पंचायत, नगर पालिका, जिला पंचायत और नगर निगमों के लिए कुल 12,931 प्रतिनिधियों का चुनाव हुआ। कुल 38,994 उम्मीदवार मैदान में थे, जिसके लिए 18,274 मतदान केंद्र बनाए गए थे।
भाजपा के लिए नई उम्मीद
तिरुवनंतपुरम में भाजपा की बढ़त को पार्टी के लिए बड़ी राजनीतिक उपलब्धि माना जा रहा है। वहीं कांग्रेस के लिए यह परिणाम आत्ममंथन का संकेत है, क्योंकि शशि थरूर के गढ़ में कमजोर प्रदर्शन ने पार्टी नेतृत्व की चिंताएं बढ़ा दी हैं।



