UIDAI issues new guidelines:
नई दिल्ली, एजेंसियां। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने आधार कार्ड को लेकर एक बड़ा स्पष्टीकरण जारी किया है। 12 अंकों की यह विशिष्ट पहचान संख्या अब केवल पहचान प्रमाण के रूप में मान्य होगी इसे नागरिकता, जन्मतिथि या स्थायी पते के प्रमाण के रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकेगा।
UIDAI के अनुसार:
UIDAI के अनुसार, आधार कार्ड एक महत्वपूर्ण दस्तावेज जरूर है, लेकिन यह नागरिकता का प्रमाण नहीं है। कई लोग इसे नागरिकता प्रमाणपत्र या जन्म प्रमाणपत्र के रूप में इस्तेमाल करने लगे थे, जिससे भ्रम की स्थिति बन रही थी। इस स्थिति को स्पष्ट करने के लिए UIDAI ने दिशा-निर्देश जारी कर कहा कि आधार में दर्ज जन्मतिथि और पता सेल्फ-डिक्लेयर्ड या डॉक्यूमेंट-बेस्ड एंट्री होती है। इसलिए इसे किसी भी आधिकारिक दस्तावेज में अंतिम सत्यापन के रूप में मान्य नहीं माना जाएगा।
इन कामों में मान्य नहीं होगा आधार:
UIDAI के मुताबिक, अब आधार को नागरिकता प्रमाण, जन्म प्रमाणपत्र या स्थायी पते के प्रमाण के रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा। यानी पासपोर्ट, स्कूल-कॉलेज एडमिशन, सरकारी फॉर्म या जन्मतिथि सत्यापन जैसी प्रक्रियाओं में आधार को अकेले आधार पर अंतिम प्रमाण नहीं माना जाएगा।
आधार अपडेट से जुड़े नए नियम:
UIDAI ने यह भी स्पष्ट किया है कि नागरिक अपने आधार विवरण — जैसे पता, मोबाइल नंबर या फोटो को ऑनलाइन पोर्टल या नजदीकी आधार सेवा केंद्र पर जाकर अपडेट कर सकते हैं। पहचान प्रमाण के लिए अद्यतन दस्तावेज प्रस्तुत करना अनिवार्य है। साथ ही, जन्मतिथि या पता अपडेट करते समय केवल वैध सरकारी प्रमाणपत्र ही स्वीकार किए जाएंगे।
UIDAI की सलाह:
प्राधिकरण ने लोगों से अपील की है कि वे आधार को केवल पहचान के साधन के रूप में इस्तेमाल करें और इसे नागरिकता या जन्मतिथि के आधिकारिक प्रमाण के रूप में प्रस्तुत न करें। इससे दस्तावेजी प्रक्रिया में भ्रम और विवाद से बचा जा सकेगा।
इसे भी पढ़ें



