पटना, एजेंसियां। सिवान जिले के हुसैनगंज थाना क्षेत्र की निवासी रेखा देवी के लिए यह एक चमत्कारी घटना साबित हुई। पांच साल पहले अपने बेटे परमेश्वर पंडित को अपहृत होते देख चुकी रेखा देवी ने बहुत कोशिशें की थीं, लेकिन हर जगह उसे निराशा ही मिली थी।
उसने बेटे का श्राद्ध भी कर दिया था और अब तक कोई उम्मीद नहीं थी। फिर भी वह भगवान से बेटे की सलामती की प्रार्थना करती रही। यह आस्था और उम्मीद ही थी, जो रेखा देवी को उनके खोए हुए बेटे से पुनः मिलवाने में सफल रही।
महाकुंभ में भीख मांगते हुए मिला बेटा
महाकुंभ में स्नान के लिए पहुंची रेखा देवी और उनके परिवार के लिए यह किसी चमत्कारी संयोग से कम नहीं था। कुछ दिन पहले, उनके गांव के कुछ लोग प्रयागराज में कुंभ स्नान करने गए थे और वहां एक विकलांग युवक ने उन्हें पहचान लिया। यह युवक रेखा देवी का बेटा परमेश्वर था। वह व्हीलचेयर से उनके पास आया और उनके पैरों में गिरकर रोने लगा।
अपहरणकर्ताओं का खुलासा, पुलिस कार्रवाई
परमेश्वर ने इशारों से बताया कि उसे अपहरणकर्ताओं ने जबरन भीख मंगवाने के लिए मजबूर किया था। इसके बाद उसका अपहरणकर्ता वहां पहुंचा और खुद को उसका भाई बताने लगा।
स्थिति गरमाने पर पुलिस को सूचना दी गई। जब पूछताछ की गई और गांव से परमेश्वर के आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज भेजे गए, तब उसकी पहचान की पुष्टि हो गई। पुलिस ने अपहरणकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की और परमेश्वर को उनके गांववालों के साथ वापस भेज दिया।
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