रांची। झारखंड के कई माननीय दिल्ली पहुंचने के लिए बेताब हैं। इतने बेताब कि घोषणा शुरू होने से पहले ही कई माननीयों ने प्रचार तक शुरू कर दिया है। झारखंड में 14 लोकसभा सीटों के लिए चुनाव की शुरुआत चौथे चरण से होगी। राज्य में भाजपा ने 11 सीटों के लिए उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर दी है।
उधर, इंडी गठबंधन में अब तक सीट शेयरिंग ही फाइनल नहीं हो सकी है। इस कारण उम्मीदवारों की घोषणा में पेंच फंसी हुई है। इडी गठबंधन के कई नेता और विधायक दमखम ठोक रहे हैं। राज्य में में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ी हुई है।
अब तक की राजनीतिक समीकरण और दावेदारी बता रही है कि राज्य के मंत्री-विधायक दिल्ली की राजनीति करना चाह रहे हैं। कुछ के नाम सामने हैं तो कुछ पूरजोर दावेदारी कर रहे हैं।
एक नेता ऐसे भी हैं जिसके नाम की घोषणा तक नहीं हुई है, लेकिन उन्होंने प्रचार-प्रसार शुरू कर दिया है। दावेदारी में महिला विधायक भी पीछे नहीं हैं।
झारखंड सरकार के श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता चतरा से विधायक हैं। वे चतरा लोकसभा सीट से राजद के टिकट पर चुनाव लड़ने के लिए उतावले हैं। भाजपा ने हजारीबाग सदर विधायक मनीष जायसवाल को हजारीबाग का प्रत्याशी बनाया है।
उनके खिलाफ कांग्रेस मांडू विधायक जयप्रकाश पटेल को उतारने की तैयारी कर रही है। जयप्रकाश पटेल भाजपा में थे। 20 मार्च को ही भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए और अब वे दिल्ली जाना चाहते हैं।
ऐसा नहीं है कि केवल पुरुष विधायक-मंत्री ही दिल्ली का रास्ता पकड़ने की फिराक में हैं। इस राह में राज्य की महिला विधायक भी हैं। राजनीति गलियारों में चल रही चर्चा के मुताबिक, कांग्रेस की चार महिला विधायक भी दिल्ली का टिकट पाना चाहती हैं।
कांग्रेस से मांडर की विधायक नेहा शिल्पी तिर्की, अंबा प्रसाद, दीपिका पांडेय और पूर्णिमा नीरज सिंह दावेदारी कर रही हैं। जानकारी के अनुसार शिल्पी नेहा तिर्की लोहरदगा से चुनाव लड़ना चाहती हैं।
वहीं, अंबा प्रसाद की दावेदारी हजारीबाग, दीपिका पांडेय सिंह गोड्डा और पूर्णिमा नीरज सिंह धनबाद से चुनाव लड़ने को लेकर दावा कर रही हैं। वहीं हाल ही में झामुमो और विधायकी छोड़ कर भाजपा में शामिल हुई सीता सोरेन भी लोकसभा टिकट की एक दावेदार तो जरूर हैं, पर बीजेपी पहले ही 11 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान कर चुकी है और सीता सोरेन के लिए अब नो वेकेंसी का बोर्ड टंग गया है।
यदि सीटवार बात करें, तो सबसे रोचक स्थिति चतरा की बनी हुई है। राज्य के मंत्री सत्यानंद भोक्ता राजद से चतरा से विधायक हैं। वे लोकसभा चुनाव यहीं से लड़ना चाह रहे हैं। इंडी गठबंधन ने प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है, लेकिन भोक्ता ने खुद को प्रत्याशी घोषित कर चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है। 2019 में यहां से भाजपा के सुनील सिंह चुनाव जीते थे। इस बार भाजपा ने भी अभी तक अपने प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है। यहां से बीजेपी विधायक एसबीपी मेहता की टिकट चाहते हैं और इसके लिए वह रांची से दिल्ली तक की दौड़ लगा रहे हैं।
वहीं हजारीबागग से भाजपा ने सांसद जयंत सिन्हा की जगह सदर विधायक मनीष जायसवाल को मैदान में उतारा है। झामुमो से भाजपा और अब कांग्रेस में गए मांडू विधायक जय प्रकाश पटेल का नाम सबसे आगे है। यहां से बड़कागांव की कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद के नाम पर चर्चा हो रही है। चर्चा क्या उन्होंने तो अपनी दावेदारी जोरशोर से पेश कर रखी है। पटेल और अंबा में से किसी एक को कांग्रेस प्रत्याशी बना सकती है।
इधर, लोहरदगा सीट से अभी भाजपा के सुदर्शन भगत सांसद हैं। इस बार भाजपा ने सुदर्शन की जगह समीर उरांव को प्रत्याशी बनाया है। इंडी गठबंधन ने प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है। इधर, विधायकों ने दावेदारी शुरू कर दी है। मांडर की कांग्रेस विधायक नेहा शिल्पी तिर्की ने लोहरदगा से चुनाव लड़ने का दावा किया है। झामुमो विधायक चमरा लिंडा ने भी चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है। वहीं पूर्व विधायक सुखदेव भगत भी लोहरदगा से कांग्रेस के टिकट के लिए दिल्ली में डेरा जमाये हुए हैं।
संथाल परगना के दुमका में भाजपा ने सुनील सोरेन को प्रत्याशी बनाया है। झामुमो विधायक और शिबू सोरेन की बड़ी बहू सीता सोरेन के भाजपा में शामिल होने के बाद यहां का समीकरण बदल गया है। इंडी गठबंधन में यह सीट झामुमो के खाते में जा सकती है, लेकिन प्रत्याशी कौन होगा, यह अभी तक तय नहीं है। झामुमो के विधायक लोबिन हेम्ब्रम ने भी चुनाव लड़ने का दावा किया है। चर्चा है कि पूर्व सीएम हेमंत सोरेन भी जेल से ही यहां से चुनाव लड़ सकते हैं।
धनबाद की बात करें, तो यहां की स्थिति भी कम रोचक नहीं है। यहां से सबसे ज्यादा विधायक दिल्ली पहुंचने को आतूर नजर आते हैं। भाजपा के पीएन सिंह यहां से सांसद हैं। अभी एनडीए या इंडिया किसी ने भी यहां प्रत्याशी नहीं उतारे हैं। इंडिया गठबंधन में यह सीट कांग्रेस को जा सकती है। कांग्रेस विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह टिकट की प्रबल दावेदार हैं।
बेरमो से कांग्रेस विधायक जयमंगल सिंह की पत्नी व भाई ने भी चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है। जयमंगल ने कहा भी है कि पार्टी जिसे टिकट देगी वे उसका साथ देंगे। इधर बीजेपी में धनबाद के विधायक राज सिन्हा भी टिकट के लिए दावा पेश कर रहे हैं। वहीं, बीजेपी विधायक ढुल्लू महतो ने भी चुपचाप अपनी दावेदारी की इच्छा ऊपर तक पहुंचा दी है।
चर्चा तो ये भी है कि कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने पर पूर्णिमा नीरज सिंह टिकट की शर्त पर बीजेपी का रूख भी कर सकती हैं। इन सबके अलावा विधायक सरयू राय यहां से चौंकानेवाला नाम हो सकते हैं। एनडीए गठबंधन में रहने के कारण जदयू ने भी इस सीट पर दावा ठोक रखा है। जदयू इस सीट से सरयू राय को लड़ाना चाहती है।
उधर, चाईबासा से कांग्रेस सांसद गीता कोड़ा भाजपा में शामिल हो गई हैं। भाजपा ने उन्हें प्रत्याशी भी घोषित कर दिया है। गीता के भाजपा में जाने के बाद क्षेत्र का राजनीतिक समीकरण बदल गया है। इस क्षेत्र में 6 विधानसभा सीटें हैं और सभी पर झामुमो का कब्जा है। ऐसे में झामुमो विधायक जोबा मांझी, सुखराम उरांव, सोनाराम किस्कू में देखा जा रहा है कि कौन गीता कोड़ा को टक्कर दे सकते हैं।
गोड्डा की बात करें, तो यहां से भाजपा के सांसद निशिकांत दुबे फिर चुनावी मैदान में हैं।
इंडी गठबंधन में यह सीट कांग्रेस को जा सकती है। ऐसे में कांग्रेस की महागामा विधायक दीपिका पांडेय सिंह का नाम सामने आया है। उन्हें चुनाव में उतारा जा सकता है। झाविमो से कांग्रेस में आए विधायक प्रदीप यादव के नाम पर भी चर्चा हो रही है। हालांकि, गठबंधन से उम्मीदवार कौन होगा, स्थिति अभी साफ नहीं है।
कोल्हान में जमशेदपुर से भाजपा ने अपने पुराने सांसद विद्यूतवरण महतो पर ही दांव खेला है। इंडी गठबंधन में अभी तक प्रत्याशी तय नहीं है। 6 विधानसभा सीटों वाले इस क्षेत्र में झामुमो के 4, कांग्रेस के 1 और 1 निर्दलीय विधायक हैं। ऐसे में कोई बड़ा चेहरा नहीं मिला तो इंडी गठबंधन किसी विधायक पर दाव लगा सकता है।
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