नई दिल्ली : विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को दिल्ली विश्वविद्यालय से करीब 17 करोड़ रुपये सहित देशभर के विश्वविद्यालयों से लगभग 30 करोड़ रुपये मिले हैं जिसका इस्तेमाल 2022-23 अकादमिक सत्र के दौरान दाखिला रद्द कराने या विश्वविद्यालय बदलने वाले छात्रों की फीस वापस करने के लिए किया जायेगा।
यूजीसी के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने कहा कि प्राप्त धनराशि 14,443 छात्रों को वितरित की जायेगी। श्री कुमार ने कहा कि बड़ी संख्या में छात्र आर्थिक रूप से कमजोर पृष्ठभूमि से आते हैं। उन्हें बेहतर विश्वविद्यालय में दाखिला लेने की आजादी होनी चाहिए लेकिन जब तक उन्हें पहले के विश्वविद्यालय से फीस वापस नहीं मिल जाती तब तक वह ऐसा नहीं कर पाते होंगे।
बड़ी संख्या में शिकायतें मिली थीं
उन्होंने कहा कि हमें छात्रों से बड़ी संख्या में शिकायतें मिलीं और उसके आधार पर हमने विश्वविद्यालयों से बात की तथा यह सुनिश्चित किया कि फीस वापस की जाए।
जाहिर तौर पर कई ऐसे विश्वविद्यालय हैं जो विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के दिशानिर्देशों के मुताबिक खुद ही फीस वापस कर देते हैं लेकिन कई विश्वविद्यालयों के मामले में हमें हस्तक्षेप करना पड़ता है और अत: 12.14 करोड़ रुपये 832 छात्रों को वापस किए गए जिन्होंने केंद्रीय, राज्य, निजी या डीम्ड विश्वविद्यालयों में दाखिले लिए थे।
यूजीसी ने पहले कहा था कि 31 अक्टूबर 2022 तक दाखिला रद्द कराने या अन्य विश्वविद्यालयों में प्रवेश लेने वाले छात्रों की पूरी फीस वापस की जाए। इस तिथि के बाद 31 दिसंबर 2022 तक संस्थानों से कहा गया कि वे फीस में से 1,000 रुपये से ज्यादा की राशि नहीं काट सकते।