दिनांक -26 जुलाई 2024
दिन – शुक्रवार
विक्रम संवत – 2081
शक संवत -1946
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – वर्षा ॠतु
मास – श्रावण
पक्ष – कृष्ण
तिथि – षष्ठी रात्रि 11:30 तक तत्पश्चात सप्तमी
नक्षत्र – उत्तरभाद्रपद दोपहर 02:30 तक तत्पश्चात रेवती
योग – सुकर्मा 27 जुलाई रात्रि 01:32 तक तत्पश्चात धृति
राहुकाल – सुबह 11:06 से दोपहर 12:45 तक
सूर्योदय -05:21
सूर्यास्त- 06:18
दिशाशूल – पश्चिम दिशा में
व्रत पर्व विवरण- पंचक
विशेष – षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
अष्ट लक्ष्मी प्राप्ति मन्त्र
सदगुरू की कृपा से अष्टलक्ष्मी (अदि लक्ष्मी,धान्य लक्ष्मी, धन लक्ष्मी,धैर्य लक्ष्मी,गज्ज लक्ष्मी, संतान लक्ष्मी ,विद्या लक्ष्मी,विजय लक्ष्मी) प्राप्त हो जाती है ….रोज यह मंत्र बोलकर अष्टलक्ष्मी का आह्वान कर सकें तो गुरूकृपा से यह सहज में प्राप्त हो जाती है।
सिद्धि बुद्धि प्रदे देवि भुक्ति मुक्ति प्रदायिनि |
मंत्रपूर्ते सदा देवि महालक्ष्मी नमोस्तुते ||
नमस्तेस्तु महामाये श्रीपीठे सुरपूजिते |
शंखचक्रगदाहस्ते महालक्ष्मी नमोस्तुते ||
ॐ श्रीमहालक्ष्म्यै नम:
ॐ श्रीमहालक्ष्म्यै नम:
गुरूकृपा से सब प्रकार की लक्ष्मी सुख शांति आदि की प्राप्ति होती है । जहां गुरूकृपा, वहां ये स्वयं आ जाती है।
तुम्हरी कृपा में सुख घनेरे । उनकी कृपा में सुख ही सुख है।
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