दिनांक -16 अप्रैल 2024
दिन – मंगलवार
विक्रम संवत – 2081
शक संवत -1946
अयन – उत्तरायण
ऋतु – वसंत ऋतु
मास – चैत्र
पक्ष – शुक्ल
तिथि – अष्टमी दोपहर 01:23 तक तत्पश्चात नवमी
नक्षत्र – पुष्य 17 अप्रैल प्रातः 05:16 तक तत्पश्चात अश्लेशा
योग – धृति रात्रि 11:17 तक तत्पश्चात शूल
राहुकाल – शाम 03:48 से शाम 05:23 तक*
सूर्योदय-05:39
सूर्यास्त- 06:07
दिशाशूल – उत्तर दिशा में
व्रत पर्व विवरण – अशोकाष्टमी,दुर्गाष्टमी,भवानी प्राकट्य
विशेष – अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
दुर्गा अष्टमी विशेष जानकारी
ज्योतिष शास्त्र
17 अप्रैल, बुधवार को श्रीराम नवमी का पर्व है। त्रेता युग में इसी दिन भगवान श्री रामजी का जन्म हुआ था। इसलिए भारत सहित अन्य देशों में भी हिंदू धर्म को मानने वाले इस पर्व को बड़ी धूम-धाम से मनाते हैं।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से हर इच्छा पूरी हो सकती है।
श्रीराम नवमी की सुबह किसी राम मंदिर में जाकर राम रक्षा स्त्रोत का 11 बार पाठ करें ।हर समस्याओं का समाधान हो जाएगा ।
दक्षिणावर्ती शंख में दूध व केसर डालकर श्रीरामजी की मूर्ति का अभिषेक करें।इससे धन लाभ हो सकता है ।
इस दिन बंदरों को चना, केले व अन्य फल खिलाएं ।इससे आपकी हर मनोकामना पुरी हो सकती है ।
श्रीराम नवमी की शाम को तुलसी के सामने गाय के शुद्ध घी का दीपक जलाएं । इससे घर में सुख-शांति रहेगी ।
इस दिन भगवान श्रीरामजी को विभिन्न अनाजों का भोग लगाएँ और बाद में इसे गरीबों में बांट दें ।इससे घर में कभी अन्न की कमी नहीं होगी ।
इस दिन भगवान श्रीरामजी के साथ माता सीता की भी पूजा करें ।इससे दांपत्य जीवन सुखी रहता है ।
भगवान श्रीरामजी के मंदिर के शिखर पर ध्वजा यानी झंडा लगवाएं ।इससे आपको मान-सम्मान व प्रसिद्धि मिलेगी ।
चैत्र नवरात्रि
नवरात्रि की अष्टमी यानी आठवें दिन माता दुर्गा को नारियल का भोग लगाएं । इससे घर में सुख समृद्धि आती है ।
मन की शांति मिलती है मां महागौरी की पूजा से
नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा की जाती है। आदिशक्ति श्री दुर्गा का अष्टम रूप श्री महागौरी हैं। मां महागौरी का रंग अत्यंत गोरा है, इसलिए इन्हें महागौरी के नाम से जाना जाता है।
नवरात्रि का आठवां दिन हमारे शरीर का सोम चक्रजागृत करने का दिन है। सोमचक्र ललाट में स्थित होता है। श्री महागौरी की आराधना से सोमचक्र जागृत हो जाता है और इस चक्र से संबंधित सभी शक्तियां श्रद्धालु को प्राप्त हो जाती है।
मां महागौरी के प्रसन्न होने पर भक्तों को सभी सुख स्वत: ही प्राप्त हो जाते हैं। साथ ही, इनकी भक्ति से हमें मन की शांति भी मिलती है।
इसे भी पढ़ें