आज के समय में, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और चैटबॉट्स जैसे ChatGPT का उपयोग कई क्षेत्रों में तेजी से बढ़ रहा है। ये नई तकनीक स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्राहक सेवा, और अन्य कई क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। हालांकि, इस विकास के साथ एक बड़ा सवाल भी उभर कर आता है: क्या AI और ChatGPT जैसी तकनीकों से नौकरियों को खतरा है?
क्या ये रोजगार के अवसरों को कम कर सकती हैं? आइए जानते है इससे जुडी कुछ बातें :-
किन इंडस्ट्री में हो रहा AI और ChatGPT का उपयोग? जैसे कि:
स्वचालित ग्राहक सेवा (Automated Customer Service) : चैटबॉट्स और वॉयस असिस्टेंट्स, जैसे कि ChatGPT, ने ग्राहक सेवा क्षेत्र में क्रांति ला दी है। ये टूल्स ग्राहकों के सवालों का उत्तर देने, शिकायतों को हल करने, और अन्य ग्राहक सेवाओं को स्वचालित रूप से प्रदान करने में सक्षम हैं।
डेटा विश्लेषण और रिपोर्टिंग (Data Analysis and Reporting): AI का उपयोग डेटा विश्लेषण, पैटर्न पहचानने, और रिपोर्ट तैयार करने में किया जा रहा है। ये कार्य पहले मनुष्यों द्वारा किए जाते थे, लेकिन अब AI इन कार्यों को अधिक तेज़ी और प्रभावी ढंग से करता है।
स्वचालित उत्पादन और रोबोटिक्स (Automated Production and Robotics): फैक्ट्रियों में रोबोट्स और AI-आधारित सिस्टमों का उपयोग उत्पादन लाइन में कार्यों को स्वचालित करने के लिए किया जा रहा है।
कंटेंट निर्माण (Content Creation): AI का उपयोग अब लेखन, ब्लॉग पोस्ट, और अन्य प्रकार के कंटेंट निर्माण में किया जा रहा है। ChatGPT जैसी प्रणाली स्वचालित रूप से जानकारीपूर्ण और रचनात्मक सामग्री तैयार कर सकती है, जिससे मानव लेखक की आवश्यकता कुछ हद तक घट सकती है।
डेटा वैज्ञानिक (Data Scientists): AI और डेटा विश्लेषण में पारंगत पेशेवरों की आवश्यकता अब और अधिक हो रही है। कंपनियों को ऐसे विशेषज्ञ चाहिए जो AI मॉडल को बेहतर बना सकें और डेटा का विश्लेषण कर सकें।
AI और मशीन लर्निंग इंजीनियर: AI तकनीक के विकास के साथ, AI और मशीन लर्निंग इंजीनियरों की मांग बढ़ी है। ये पेशेवर AI सिस्टम विकसित करने और सुधारने का काम करते हैं।
समय की बचत: AI और ChatGPT के माध्यम से कर्मचारियों का समय बचता है, जिससे वे अन्य महत्वपूर्ण कार्यों पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।
AI का भारत में बढ़ता प्रभाव
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और चैट जीपीटी जैसे टूल्स ने भारत में भी व्यवसायों और व्यक्तिगत उपयोगकर्ताओं के लिए नई खोली हैं। इन टूल्स का उपयोग शिक्षा, ग्राहक सेवा, कंटेंट निर्माण, और अन्य कई क्षेत्रों में किया जा रहा है। इसके बावजूद, यह सवाल लगातार उभरता रहा है कि क्या AI के वजह से पारंपरिक नौकरियां खतरे में पड़ सकती हैं। इस बात का खुलासा ओपन एआई और यूनिवर्सिटी ऑफ पेंसिल्वेनिया द्वारा किए गए एक रिपोर्ट में हुआ। रिपोर्ट में उस क्षेत्र को मेंशन किया जिनकी नौकरियां खतरे में आ सकती है।
गणितज्ञ (Mathematicians)
कर तैयारी करने वाले (Tax Preparers)
वित्तीय विश्लेषक (Financial Quantitative Analysts)
लेखक और लेखक (Writers and Authors)
वेब और डिजिटल इंटरफेस डिजाइनर (Web and Digital Interface Designers)
कोर्ट रिपोर्टर (Court Reporters)
समानांतर कैप्शनर (Simultaneous Captioners)
प्रूफरीडर (Proofreaders)
कॉपी मार्कर (Copy Markers)
अकाउंटेंट (Accountants)
ऑडिटर्स (Auditors)
समाचार विश्लेषक (News Analysts)
पत्रकार (Journalists)
प्रशासनिक सहायक (Administrative Assistants)
AI और ChatGPT जैसी तकनीकें निश्चित रूप से नौकरियों पर प्रभाव डाल रही है , लेकिन इनका असर केवल उन नौकरियों तक सीमित है जो स्वचालन और डेटा विश्लेषण जैसे कार्यों पर आधारित हैं। हालांकि, इन तकनीकों के विकास के साथ कुछ नई नौकरियाँ भी उत्पन्न हो रही हैं। AI और ChatGPT का उपयोग सही दिशा में किया जाए, तो ये हमारे काम को बेहतर और ज्यादा प्रभावी बना सकते हैं, न कि हमारी नौकरियों के लिए खतरा।
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