दिनांक – 11 मार्च 2025
दिन – मंगलवार
विक्रम संवत – 2081
शक संवत -1946
अयन – उत्तरायण
ऋतु – वसंत ॠतु
मास – फाल्गुन
पक्ष – शुक्ल
तिथि – द्वादशी सुबह 08:13 तक तत्पश्चात त्रयोदशी
नक्षत्र – अश्लेशा 12 मार्च रात्रि 02:15 तक तत्पश्चात मघा
योग – अतिगण्ड दोपहर 01:18 तक तत्पश्चात सुकर्मा
राहुकाल – शाम 03:48 से शाम 05:17 तक
सूर्योदय 06:05
सूर्यास्त – 05:45
दिशाशूल – उत्तर दिशा मे
व्रत पर्व विवरण- भौमप्रदोष व्रत
विशेष- द्वादशी को पूतिका(पोई) अथवा त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
11 मार्च को प्रदोष व्रत पर कर्ज निवारक विशेष उपाय
आर्थिक परेशानी या कर्जा हो तो
11 मार्च 2025 मंगलवार को भौम प्रदोष योग है ।
किसी को आर्थिक परेशानी या कर्जा हो तो भौम प्रदोष योग हो, उस दिन शाम को सूर्य अस्त के समय घर के आसपास कोई शिवजी का मंदिर हो तो जाए और ५ बत्ती वाला दीपक जलाये और थोड़ी देर जप करें :
👉🏻 ये मंत्र बोले :–
🌷 ॐ भौमाय नमः
🌷 ॐ मंगलाय नमः
🌷 ॐ भुजाय नमः
🌷 ॐ रुन्ह्र्ताय नमः
🌷 ॐ भूमिपुत्राय नमः
🌷 ॐ अंगारकाय नमः
👉🏻 और हर मंगलवार को ये मंगल की स्तुति करें:-
🌷 धरणी गर्भ संभूतं विद्युत् कांति समप्रभम |
कुमारं शक्ति हस्तं तं मंगलम प्रणमाम्यहम ||
होली में क्या करें
होली की रात्रि चार पुण्यप्रद महारात्रियों में आती है। होली की रात्रि का जागरण और जप बहुत ही फलदायी होता है।
ऋतु-परिवर्तन के 10-20 दिनों में नीम के 15 से 20 कोमल पत्तों के साथ 2 काली मिर्च चबाकर खाने से वर्ष भर आरोग्य दृढ़ रहता है। बिना नमक का भोजन 15 दिन लेने वाले की आयु और प्रसन्नता में बढ़ोतरी होती है।
होली के बाद खजूर खाना मना है।
बाजारू केमिकलों से युक्त रंगों के बदले पलाश के फूलों के रंग से अथवा अन्य प्राकृतिक रंगों से होली खेलनी चाहिए। इससे सप्तरंगों व सप्तधातुओं का संतुलन बना रहता है।
अन्य कुछ प्राकृतिक रंगः मेंहदी पाऊडर के साथ आँवले का पाऊडर मिलाने से भूरा रंग। चार चम्मच बेसन में दो चम्मच हल्दी पाऊडर मिलाने से अच्छा पीला रंग बनता है। बेसन के स्थान पर आटा, मैदा, चावल का आटा, आरारोट या मुलतानी मिट्टी का भी उपयोग किया जा सकता है।
दो चम्मच हल्दी पाउडर दो लीटर पानी में डालकर अच्छी तरह उबालने से गहरा पीला रंग प्राप्त होता है।
आँवला चूर्ण लोहे के बर्तन में रात भर भिगोने से काला रंग तैयार होता है।
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