एक वक्त था जब शेष भारत की ही तरह बंगाल में भी महिलाओं का फिल्मों में काम करना वर्जित माना जाता था।
समाज के सम्मानित परिवारों की महिलाएं फिल्मों में काम करने का ख्याल तक अपने ज़ेहन में नहीं ला सकती थी।
बंगाली फिल्मों में भी कोठों पर रहने वाली लड़कियां ही काम करती थी। लेकिन उस दौर में एक महिला थी जिसने उस परंपरा को तोड़ा। उनका नाम था कानन बाला जिन्हें लोग कानन देवी के नाम से भी जानते थे।
आज कानन देवी जी का जन्मदिवस है। 22 अप्रैल 1916 को हावड़ा में कानन देवी का जन्म हुआ था।
कानन देवी ना सिर्फ अदाकारा थी। बल्कि एक बेहद सुरीली गायिका भी थी। कानन देवी ने बतौर बाल कलाकार फिल्मों में काम करना शुरू किया था।
वो साइलेंट फिल्मों का ज़माना था। और कलकत्ता भी देश का एक बहुत बड़ा फिल्म निर्माण केंद्र हुआ करता था।
कानन देवी 1930-40 के दशक की नामी अदाकारा बनी। और इन्हें बंगाली फिल्मों की पहली महिला सुपरस्टार होने का खिताब मिला।
बंगाली फिल्मों के अलावा इन्होंने हिंदी फिल्मों में भी खूब काम किया था। उस दौर के नामी फिल्ममेकर पीसी बरुआ जब देवदास फिल्म बना रहे थे तो वो चाहते थे कि कानन देवी उसमें काम करें।
पर चूंकि उन दिनों ये कलक्ता की एक फिल्म कंपनी के साथ अनुबंधित थी तो ये उस फिल्म में काम ना कर सकी। ये वही देवदास थी जिसमें के.एल.सहगल साहब ने काम किया था।
के.एल.सहगल साहब के साथ कानन देवी को बाद में कुछ फिल्मों में काम करने का मौका मिला था।
और सिर्फ के.एल.सहगल ही नहीं, इन्होंने अशोक कुमार, पहाड़ी सान्याल, प्रमथेश बरुआ जैसे कलाकारों संग भी खूब काम किया।
और फिर वो वक्त भी आया जब कान देवी ने फिल्में भी प्रोड्यूस की। हालांकि इन्होंने सिर्फ बंगाली फिल्में ही प्रोड्यूस की थी।
कानन देवी के निजी जीवन की तरफ नज़र डालें तो कानन देवी की पहली शादी हुई थी अशोक मोइत्रा जी से।
और इन दोनों की लव मैरिज हुई थी। अशोक मोइत्रा इनके फैन थे। एक दिन किस्मत ने कुछ ऐसा खेल खेला कि अशोक मोइत्रा और कानन देवी की जान-पहचान हो गई और दोनों एक-दूजे को पसंद करने लगे।
और 1940 के दिसंबर में इन दोनों ने शादी कर ली। हालांकि इनकी शादी का काफी विरोध भी किया गया था। क्योंकि उस ज़माने में प्रेम विवाह के लोग बहुत खिलाफ हुआ करते थे।
अशोक मोइत्रा से इनका रिश्ता बहुत ज़्यादा ना चल सका। साल 1945 में कानन देवी ने अशोक मोइत्रा से तलाक ले लिया।
फिर इन्होंने हरिदास भट्टाचार्जी से शादी की। अशोक मोइत्रा से तला के लगभग पांच साल बाद यानि 1949 में कानन देवी ने दूसरी शादी की थी।
इनका एक बेटा हुआ जिसका नाम था सिद्धार्थ। सन 1968 में कानन देवी को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
सन 1976 में इन्हें दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड भी दिया गया था। 17 जुलाई 1992 को 76 साल की उम्र में कलकत्ता में कानन देवी जी का निधन हो गया था।
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