रांची। झारखंड की आदिवासी बालाएं और महिलाएं समय के साथ कदम से कदम मिला कर ही नहीं चल रही है, बल्कि रेल की पटरियों पर तेज रफ्तार से आगे भी बढ़ रही हैं।
महिलाएं पुरुषों की भांति कैसे आगे बढ़ें इसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी उन्हें खूब सहयोग कर रह हैं। बेटियां भी अपनी प्रतिभा की बदौलत अलग और खास पहचान बना भी रही हैं।
इसी क्रम में झारखंड की एक आदिवासी बाला रितिका तिर्की का भी नाम जुड़ गया है। रितिका तिर्की अब वंदे भारत ट्रेन को चलाती हुई नजर आ रही हैं।
झारखंड की महिला लोको पायलट रितिका तिर्की ने टाटानगर रेलवे स्टेशन से पटना तक चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को पहली बार चलाया।
रितिका तिर्की यह सम्मान पाकर काफी खुश हैं। इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का धन्यवाद भी किया है।
रितिका कहती हैं कि वह पहले गुड्स और पैसेंजर ट्रेन चलाती थीं, लेकिन अब उन्हें वंदे भारत ट्रेन चलाने का मौका मिला है।
रितिका अपने लिए इसे बड़ा मौका मानती हैं। रितिका कहती हैं कि उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा था कि वह कभी देश की सबसे आधुनिक और हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत को भी चलायेंगी।
केंद्र सरकार और रेलवे की पॉलिसी का नतीजा
आद्रा डिवीजन के सीनियर डीसीएम विकास कुमार ने रितिका तिर्की की इस उपलब्धि पर कहा कि यह भारत सरकार और रेलवे की पॉलिसी का नतीजा है कि आज वंदे भारत की पायलट एक महिला है।
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