रांची। 22 जनवरी को यादगार बनाने के लिए लोग अपने-अपने तरीके से योजना बना रहे हैं। कुछ गर्भवती महिलाएं ऐसी भी हैं, जो इस दिन अपनी डिलीवरी कराने की प्लानिंग की हुई हैं। अब तक मिली जानकारी के अनुसार 22 जनवरी को रांची के अस्पतालों में 55 से ज्यादा डिलिवरी होनेवाली है।
ये तो वो आंकड़े हैं, जो अस्पतालों से मिले हैं। इसके अलावा कई निजी अस्पताल से सूचना नहीं मिल सकी है। साथ ही घरों में होनेवाले प्रसव के आंकड़े इसमें शामिल नहीं हैं। रांची के रिम्स और सदर अस्पताल समेत शहर के कई निजी अस्पतालों के स्त्री रोग विशेषज्ञों ने इसकी पुष्टि की है।
सिर्फ रिम्स में 22 जनवरी के लिए 13 सिजेरियन एवं सदर अस्पताल में 22 प्रसव निर्धारित हैं। वहीं, छह निजी अस्पतालों में 20 के करीब सिजेरियन प्लान की गई है। स्त्री रोग विशेषज्ञों के मुताबिक कई ऐसी भी महिलाएं 22 जनवरी को डिलीवरी की इच्छा लेकर आ रही हैं, जिनकी डिलीवरी उस तिथि के आसपास संभव नहीं है।
इसे लेकर ऐसी महिलाओं को समझाना मुश्किल हो रहा है। बहरहाल ऐसी जो भी महिलाएं है, जिनकी 22 जनवरी को डिलिवरी होनी है, उनके परिवार में उत्साह का माहौल है। ऐसी ज्यादातर महिलाओं का कहना है कि वे चाहती हैं कि उनके घर भी राम और सीता आयें।
वहीं, डाक्टरों का कहना है कि जिस केस में सिजेरियन की जरूरत है, उसे उस तिथि के आसपास किया जा सकता है। लेकिन जो केस बिना सिजेरियन के हैं, उसे किसी खास तिथि में कराना संभव नहीं है। इतना ही नहीं, कई परिजन तो इस दिन डिलिवरी कराने को लेकर ज्योतिषों से भी राय ले रहे हैं।
जिन महिलाओं की डिलीवरी 22 जनवरी के आसपास होनी है, वह भी इसी शुभ दिन की डिलीवरी के लिए डाक्टरों से मांग रही हैं। गर्भवती महिलाओं की इस चाह को पूरा करने के लिए उनके पति और परिवार के बुजुर्ग भी साथ दे रहे हैं। इस तरह का आग्रह करने वालीं महिलाओं की सिजेरियन डिलीवरी होनी है।
रिम्स के स्त्री रोग विभाग में आने वाली गर्भवतियों में से अभी तक 13 ऐसी गर्भवती महिलाएं हैं, जिन्हें 22 जनवरी को ही ने बच्चे को जन्म देने की डेट मिल गई हैं। डॉक्टरों के मुताबिक सभी डिलिवरी केस के लिए किसी खास दिन को तय नहीं किया जा सकता। कुछ केस ऐसे आते हैं जिन्हें 15 दिनों में सिजेरियन की जरूरत होती है,
ऐसे मामले में उनकी इच्छा के अनुसार 22 जनवरी तय की जा सकती है। दूसरी ओर सदर अस्पताल में भी गर्भवती महिलाएं सिजेरियन प्रसव कराने को लेकर लगातार डाक्टरों पर दबाव बना रही हैं। जबकि इनमें से कई मामलों में सिजेरियन किया ही नहीं जा सकता।
सिर्फ पहले से हुए सिजेरियन या जरूरत पड़ने पर ही सिजेरियन डिलिवरी की जा सकती है। डॉक्टरों का कहना है कि कुछ गर्भवती महिलाएं खास तिथि में ही बच्चे को जन्म देने की चाहत रखती हैं, लेकिन हर मामले में यह संभव नहीं दिखता।
वहीं, ज्योतिषियों का कहना है कि बच्चों के जन्म में समय और मुहूर्त भी खास होता है। दरअसल बच्चे के जन्म के समय से ही उसके जीवन की दशा और दिशा तय हो जाती है। ऐसे में शुभ मुहूर्त हमेशा बच्चों के कल्याण के लिए अच्छे होते हैं। 22 जनवरी को भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा सबसे अच्छे मुहूर्त में हो रही है।
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