लातेहार : लातेहार जिले के चंदवा प्रखंड मे अवस्थित मां उग्रतारा मंदिर में कई सालों से 16 दिवसीय शारदीय पूजा का आयोजन किया जाता है।
जो 26 सितंबर से प्रारंभ हो गई है मंदिर में जिउतिया व्रत के पारण के दिन कलश स्थापना से पूजा प्रारंभ हो गया है।16 दिवसीय पूजन के बाद विजयादशमी के दिन मां भवगती को पान चढाया जाता है।
लोगो कि मान्यता यह है कि आसन से पान गिरने के बाद भगवती की ओर से विसर्जन की अनुमति मिलती हैं ।
मंदिर के सेवायत सह मुन्तजिमकार गोविंद बल्लभ मिश्रा ने बताया कि 26 सितंबर को कलश स्थापना के बाद दो अक्टूबर को मां गौरा के आगमन के बाद 7 कलशो की स्थापना और शाम में पूजा की गई
तीन अक्टूबर शुक्ल पक्ष पंचमी को मंडप स्थित कलश पूजा के बाद श्रद्धालुओं के द्वारा पूजा हुई।
षट्ठी बुधवार को विल्वभिमंत्रण के लिए दामोदर गांव मे प्रस्थान किया जाएगा. 10 अक्टूबर को गौरा विसर्जन के बाद देवी को लाने के लिए दामोदर गांव जाया जाएगा. शाम 3:30 बजे देवी स्नान एवं शाम में सप्तमी कलश स्थापना एवं पूजन होगी.
11 अक्टूबर की सुबह 6:45 बजे में संधि काल में महिश बलि, रात्रि में अष्टमी नवमी महानिशा पूजा के बकरा की बलि दी जाएगी.
अहले सुबह 5:47 बजे महामार (काड़ा बलि) और 12 अक्टूबर को सुबह आरती के बाद भगवती का भव्य श्रृंगार पान चढ़ाया जाएगा. जिले भर के लोगों के आस्था का केंद्र है
नगर मंदिर. इस मंदिर में झारखंड, बंगाल, ओडीसा, मध्य प्रदेश, दिल्ली व उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों से श्रद्धालु बड़ी संख्या में पूजा करने के लिए आते हैं
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