Shibu Soren:
रामगढ़। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री, दिशोम गुरु शिबू सोरेन के पारंपरिक श्राद्ध कर्म को लेकर तैयारियां अंतिम चरण में हैं। यह आयोजन गुरुजी के पैतृक गांव में पारंपरिक रीति-रिवाजों और स्थानीय मान्यताओं के अनुसार संपन्न होगा। गांव की गलियों से लेकर पूजा स्थल तक श्रद्धा और व्यवस्था का अद्भुत संगम देखा जा रहा है।
सीएम स्वयं संभाल रहे व्यवस्थाः
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन स्वयं गांव में रहकर तैयारियों की निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने सभी विभागों को निर्देश दिया है कि अतिथियों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। आयोजन स्थल और आसपास के इलाकों में सफाई, पेयजल, भोजन, स्वास्थ्य सेवा, सुरक्षा और ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर व्यापक बंदोबस्त किए गए हैं।
सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंदः
श्राद्ध कर्म में शामिल होने के लिए हज़ारों लोगों के आने की संभावना को देखते हुए प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। धूमकुड़िया में पुलिस कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। सुरक्षा व्यवस्था में 10 आईपीएस अधिकारी, 60 डीएसपी, 65 इंस्पेक्टर और 2500 से अधिक पुलिस जवान तैनात रहेंगे। विधि-व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिला प्रशासन अलर्ट मोड में रहेगा। पुलिस और स्वयंसेवकों की टीमें 24 घंटे मुस्तैद रहेंगी।
आगंतुकों के लिए विशेष सुविधाएःआगंतुकों की सुविधा के लिए 300 से अधिक ई-रिक्शा की व्यवस्था की गई है, जो पार्किंग से आयोजन स्थल तक पहुंचाने का काम करेंगे। तीन बड़े पार्किंग स्थल बनाए गए हैं, जहां बायो-टॉयलेट की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है। पैदल आने वाले लोगों के लिए मार्ग में शेड, विश्राम स्थल और पगोडा का निर्माण किया गया है, ताकि धूप और बारिश से बचाव हो सके।
भोजन और सेवा की भव्य व्यवस्थाः
भोजन व्यवस्था के लिए तीन विशाल पंडाल लगाए गए हैं, जहां स्थानीय व्यंजन और पारंपरिक प्रसाद परोसे जाएंगे। बड़ी संख्या में रसोइये और स्वयंसेवक तैनात रहेंगे, ताकि सेवा सुचारू रूप से हो सके।
श्राद्ध कर्म के अवसर पर शिबू सोरेन जी के जीवन संघर्ष और आदिवासी समाज के लिए उनके योगदान को समर्पित एक विशेष प्रदर्शनी और स्मृति दीर्घा भी तैयार की जा रही है। इसमें गुरुजी के जीवन से जुड़ी दुर्लभ तस्वीरें, ऐतिहासिक दस्तावेज और उनकी उपलब्धियां प्रदर्शित की जाएंगी।
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