Jharkhand Congress:
रांची। झारखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के एक पत्र में बीजेपी की बेचैनी बढ़ा दी है। अब बीजेपी के समझ नहीं आ रहा कि इसका क्या जवाह दे। दरअसल, सरना धर्मकोड के मुद्दे पर जोरदार प्रदर्शन कर शुरुआती बढ़त ले चुकी कांग्रेस अब भाजपा सांसदों को अलग-थलग करने की मुहिम में जुट गई है।
Jharkhand Congress: सरना कोड मुद्दे पर बीजेपी सांसदों से मांगा समर्थनः
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने सभी सांसदों को पत्र लिखकर इस आंदोलन में सहयोग करने की मांग की है। प्रदेश में भाजपा के अधिक सांसद हैं और यहीं से पूरे प्रकरण में राजनीति हो रही है। कांग्रेस अध्यक्ष ने सभी सांसदों को खुले मंच पर आकर मीडिया के समक्ष जवाब देने और सरना कोड पर समर्थन की घोषणा करने का आग्रह किया है।
भाजपा कांग्रेस के इस आंदोलन को किसी तरह से मानने से रही तो सहयोग का सवाल ही नहीं उठता। ऐसे में कांग्रेस जनता के बीच भाजपा को एक्सपोज करने की कोशिश करेगी।
सरना धर्मकोड के मुद्दे पर कांग्रेस ने तमाम सांसदों से सहयोग की उम्मीद की है। उन्होंने इसके लिए लंबे समय से चल रहे संघर्ष का उल्लेख करते हुए लिखा है कि आदिवासी समाज प्रकृति का पुजारी है और वर्षों से पेड़-पौधों, पहाड़ों की पूजा करते रहा है।
Jharkhand Congress: प्रकृति रक्षा की बात कर रही कांग्रेसः
पूरी दुनिया बढ़ते प्रदूषण और पर्यावरण को लेकर चिंतित है तो ऐसे में आदिवासी समाज के सरना धर्म की आत्मा ही प्रकृति की रक्षा करना है।
पूरी दुनिया में आदिवासियों के पारंपरिक धार्मिक अस्तित्व की रक्षा के लिए चिंतित है। ऐसे में सरना धर्म की रक्षा करना निश्चित तौर पर हम सभी का कर्तव्य है।
Jharkhand Congress: जनगणना में अलग कॉलम की मांग कर रहे आदिवासीः
सरना आदिवासी जनगणना में अलग कालम की मांग कर रहे हैं और उनकी इस मांग पर आधारित बिल को विधानसभा ने पारित कर केंद्र सरकार को भेज भी दिया है।
ऐसे में सांसदों का सकारात्मक प्रयास हो तो सरना धर्म के लिए जनगणना में अलग से कालम बनने का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के पत्र पर अभी तक किसी ने कोई जवाब नहीं दिया है।
Jharkhand Congress: पेसा कानून लागू करने की मांग कर रही बीजेपीः
इधर बीजेपी ने सरना धर्म कोड की मांग के जवाब में पेसा कानून को हथियार बनाया है और इसे लागू करने की मांग को लेकर आंदोलन कर रही है। बीजेपी का कहना है कि यह कानून बन चुका है, तो इसे लागू क्यों नहीं किया जा रहा।
इसे भी पढ़ें