मामला बांग्लादेशी घुसपैठ का
रांची। झारखंड के संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठ का मामला पूरी तरह से गर्म है। झारखंड के राजनीतिक हलकों में यह मुद्दा छाया हुआ है। आने वाले विधानसभा में यह मुद्दा छाया रह सकता है।
भाजपा ने तो अभी से इस मुद्दे को हवा देना शुरू कर दिया है। इस पर झारखंड हाईकोर्ट ने भी संज्ञान लिया है और झारखंड सरकार को इस पर नियंत्रण लगाने का निर्देश भी दिया है। लेकिन झारखंड सरकार के अधिकारियों ने इसे हल्के में लिया है। जिस पर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है।
बता दें कि पिछले दिनों बांग्लादेशी घुसपैठ कर झारखंड के संथाल परगना में लैंड जिहाद किये जाने को लेकर दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य की हेमंत सरकार को इस पर ब्रेक लगाने के उपाय किये जाने का निर्देश दिया था।
इस पर संथाल परगना क्षेत्र के सभी उपायुक्तों को शपथ पत्र के माध्यम से दो सप्ताह के भीतर स्टेटस रिपोर्ट दायर करने को कहा था। लेकिन उपायुक्तों ने अपने जूनियर अधिकारियों के माध्यम से अदालत में शपथ पत्र दायर किया।
जूनियर अधिकारियों की रिपोर्ट खारिज की हाईकोर्ट ने
हाईकोर्ट ने जूनियर अधिकारियों की रिपोर्ट स्वीकार करने से इनकार कर दिया और कहा कि संथाल इलाके के सभी उपायुक्त खुद शपथ पत्र दाखिल करें।
झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने यह निर्देश जारी किया है।
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