कपिल सिब्बल हर सुनवाई के लेंगे 11 लाख
रांची। झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठ को लेकर हाईकोर्ट में चल रहे केस के खिलाफ राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दायर करने के लिए विधि विभाग ने महाधिवक्ता की राय लेने और सरकार के फैसले पर सहमति दे दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड पल्लवी को एसएलपी दायर करने का जिम्मा दिया गया है। वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल राज्य सरकार का पक्ष रखेंगे। इसके लिए उन्हें हर बहस के लिए 11 लाख रुपए का भुगतान किया जाएगा।
इस मामले में 17 सितंबर को हुई सुनवाई में हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद और जस्टिस एसके द्विवेदी की कोर्ट ने पूछा था कि संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठ की जांच के लिए उच्चस्तरीय समिति में कौन-कौन होंगे।
कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से उनके नाम मांगे थे। इस मुद्दे पर 30 सितंबर तक केंद्रीय गृह सचिव और झारखंड के मुख्य सचिव की बैठक होनी है।
इससे पहले ही 20 सितंबर को हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया। एक अक्टूबर को अगली सुनवाई की तिथि तय की गई है।
सूत्रों के मुताबिक, सरकार का मानना है कि 17 सितंबर की सुनवाई में जो बातें हुई थीं, वह आगे ही नहीं बढ़ी। फिर भी कोर्ट ने फैसला सुरक्षित कैसे रख लिया। इसी मुद्दे को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी।
केंद्र के आंकड़े और हाईकोर्ट की टिप्पणी पर सरकार को आपत्ति
केंद्र सरकार ने हाईकोर्ट में शपथ पत्र देकर कहा था कि संथाल परगना में 1991 से 2011 के बीच आदिवासियों की आबादी 42 फीसदी से घटकर 28 फीसदी हो गई है।
मुस्लिम आबादी में 13 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। पाकुड़ और साहिबगंज में तो मुस्लिम आबादी में 35 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है।
उधर, हाईकोर्ट ने 17 सितंबर को सुनवाई के दौरान कहा था कि साहिबगंज डीसी ने दो साल में सिर्फ दो घुसपैठियों के आने की बात कही है।
जबकि देवघर डीसी ने किसी भी तरह का घुसपैठ होने से इनकार किया है। डीसी द्वारा संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठिए न होने की गलत जानकारी देना दुर्भाग्यपूर्ण है।
झारखंड सरकार को केंद्र के आंकड़े और हाईकोर्ट की टिप्पणी पर आपत्ति है। इसीलिए सुप्रीम कोर्ट का रुख कर रही है।
विधानसभा चुनाव में बड़ा मुद्दा बनेगा बांग्लादेशी घुसपैठ
संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठ इस बार चुनावी मुद्दा बनेगा। इस पर सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने है। इस मुद्दे पर रोज बयानबाजी हो रही है।
विपक्ष घुसपैठ की बात करता है, लेकिन सत्तापक्ष मानने को तैयार नहीं है। झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य का आरोप है कि भाजपा इस मुद्दे पर भ्रम फैला रही है। क्योंकि हाईकोर्ट में दिए केंद्र और आधार कार्ड संचालित करने वाली संस्था के हलफनामे में बांग्लादेशी घुसपैठ शब्द का जिक्र ही नहीं है।
घुसपैठ के नाम पर झूठ फैलाकर भाजपा संथाल परगना में माहौल खराब करना चाहती है। यह मामला कोर्ट में है, इसलिए भाजपा नेताओं की बयानबाजी ठीक नहीं है।
उधर, भाजपा नेताओं ने सोमवार को चुनाव आयोग को ज्ञापन दिया था। इसमें कहा था कि ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए कि घुसपैठिए वोट न दे पाएं।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी सभा में कहा था कि झारखंड में भाजपा की सरकार बनी तो एक-एक बांग्लादेशी घुसपैठियों को चुन-चुनकर निकालेंगे।
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