बच्चे और पैरेंट्स भी उत्साहित
गुमला। आदिवासी बहुल गुमला जिले में शिक्षा की स्थिति बहुत बेहतर नहीं है। बच्चों में शिक्षा के प्रति रुझान बढ़े। उन्हें क्वालिटी एजुकेशन मिले। 10वीं-12वीं बोर्ड के रिजल्ट में सुधार हो। इसके लिए अधिकारियों ने एक अच्छी शुरुआत की है।
डीसी से लेकर अंचल अधिकारी (सीओ) रैंक के 96 अधिकारी गुमला के 140 स्कूलों में 10वीं-12वीं बोर्ड के बच्चों की सप्ताह में दो क्लास लेंगे। इसकी शुरुआत भी कर दी गई है। अधिकारियों के इस पहल से छात्र और उनके पैरेंट्स भी काफी उत्साहित हैं।
चल रहा ‘सिकछा कर भेंट’ अभियानः
डीसी कर्ण सत्यार्थी के नेतृत्व में ‘सिकछा कर भेंट’ (शिक्षा की भेंट) अभियान चलाया गया है। अभियान को लेकर बच्चे, अभिभावक और शिक्षक उत्साहित हैं। वे बोर्ड परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन की कोशिश में जुट गए हैं।
जिले में अभियान का अच्छा रिजल्ट देखा जा रहा है। छात्रों के परीक्षा परिणाम में सुधार करने और उनकी शैक्षणिक क्षमता विकसित करने में यह सहायक और कारगर साबित हो रहा है।
रूटीन के अनुसार आ रहे अधिकारीः
अधिकारी रूटीन के अनुसार अपने क्षेत्र के स्कूलों में जाते हैं। अधिकारियों ने बताया कि 140 सरकारी स्कूल, अल्पसंख्यक व अनुदानित विद्यालय और इंटर कॉलेज में शिक्षा दी जा रही है।
शिक्षा को प्रभावी बनाने की जिम्मेवारी डीसी, एसपी, डीडीसी सहित जिला व प्रखंड के पुलिस-प्रशासन के 96 अधिकारियों को सौंपी गई है।
अधिकारी रूटीन के अनुसार अपने क्षेत्र के स्कूलों में जाते हैं। वे छात्रों का मार्गदर्शन करते हैं। 2025 की बोर्ड की परीक्षा में शत-प्रतिशत बच्चे सफल रहें इसकी तैयारी कराई जा रही है।
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