झामुमो की टक्कर आजसू से, जयराम बिगाड़ सकते हैं खेल
रांची। डुमरी के लोगों के बीच टाइगर के नाम से मशहूर रहे जगरनाथ महतो की जमीन पर इस बार झामुमो–आजसू और झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा यानी जेएलकेएम के बीच मुकाबला है।
6 अप्रैल 2023 को शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो के निधन के बाद से यह सीट चर्चा में है। जुलाई 2023 में हुए उप चुनाव में झामुमो ने उनकी पत्नी बेबी देवी को टिकट दिया।
मतदाताओं की सहानुभूति लहर ने उन्हें विधानसभा पहुंचा दिया। सीएम हेमंत सोरेन ने पूरी तरह घरेलू महिला बेबी देवी को मंत्रिमंडल में जगह देकर टाइगर के परिवार को सम्मान भी दिया।
इस बार बेबी देवी का मुकाबला आजसू की यशोदा देवी से है। दोनों के राजनीतिक भविष्य की परीक्षा भी है।लेकिन, सबसे ज्यादा चर्चा युवाओं में तेजी से लोकप्रिय हो रहे जेएलकेएम प्रमुख जयराम महतो की है।
2024 के लोकसभा चुनाव में जयराम ने गिरिडीह सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा था। डुमरी और गोमिया में उन्हें अच्छी बढ़त मिली थी। इसीलिए, जयराम ने डुमरी विधानसभा सीट से ही चुनाव लड़ने का फैसला किया। वैसे वे बेरमो से भी चुनाव मैदान में हैं। दो सीटों पर चुनाव लड़ने वाले वे एकमात्र प्रत्याशी हैं।
बेबी जीतीं तो बेटे अखिलेश के लिए खुलेगा रास्ताः
जगरनाथ महतो की मौत के बाद झामुमो को मजबूरन उनकी पत्नी बेबी देवी को चुनाव मैदान में उतारना पड़ा था। क्योंकि, उनके बेटे अखिलेश महतो उर्फ राजू महतो की उम्र 25 साल नहीं हुई थी।
2024 के चुनाव में भी राजू की उम्र 25 साल पार नहीं कर सकी। इस कारण झामुमो ने दोबारा बेबी देवी को टिकट दिया। अगर बेबी जीतती हैं, तो अखिलेश के लिए 2029 में विधानसभा चुनाव लड़ने का रास्ता साफ हो जाएगा।
कुर्मी बहुल क्षेत्र में जयराम देंगे आजसू को टक्करः
वैसे तो डुमरी सीट झामुमो का गढ़ मानी जाती है। स्वर्गीय जगरनाथ महतो यहां से लगातार जीतते रहे। आजसू भी यहां बीते 10 साल से मेहनत कर रही है।
जगरनाथ महतो के गुजरने के बाद अब आजसू को लगता है कि इस बार सहानुभूति की लहर नहीं है, तो उसके लिए राह आसान हो सकती है। पर अब यहां सबका खेल बिगाड़ने के लिए जयराम महतो मौजूद हैं।
जयराम भी कुर्मी समाज से ही आते हैं। युवाओं में काफी लोकप्रिय हैं। उनकी सभाओं में उमड़नेवाली भीड़ दूसरे दलों की नींद उड़ा रही है।
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