Devuthani Ekadashi:
रांची। कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की देवउठनी एकादशी तिथि यानी एक नवंबर को श्रीहरि विष्णु की पूजा के शुभ संयोग के साथ तुलसी-शालिग्राम विवाहोत्सव मनाया जाएगा। चार माह बाद इसी दिन से श्री हरि जागेंगे और सारे मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे। वैवाहिक कार्यक्रम 18 नवंबर से शुरू हो जाएंगे।
पंडित रमेश द्विवेदी के अनुसार देवउठनी एकादशी पर ध्रुव योग, रवि योग और त्रिपुष्कर योग के महासंयोग का निर्माण हो रहा है, जो इसे अत्यंत पावन और मंगलकारी बना रहे हैं। एकादशी तिथि 31 अक्टूबर की रात 4.02 बजे से शुरू होगी और 1 नवंबर की रात 2.57 बजे तक रहेगी।
तुलसी-शालिग्राम विवाहोत्सव मनेगाः
ऋषिकेश पंचांग के अनुसार कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 1 नवंबर को मनाई जाएगी। इस दिन माता तुलसी और भगवान विष्णु के शालीग्राम अवतार के विवाह का विधान है। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को तुलसी विवाह किया जाता है।
इस दिन भगवान विष्णु चार माह की योग निद्रा के बाद जाग्रत होते हैं। एकादशी के दिन माता तुलसी का विवाह करने से कन्यादान के समान पुण्य फल की प्राप्ति होती है। धर्मानुसार तुलसी विवाह विधि-विधान से संपन्न कराने से भक्तों को अंत में मोक्ष की प्राप्ति होती है और भगवान विष्णु की कृपा से मनोकामना पूरी होती है। वैवाहिक जीवन में आ रही बाधाओं से मुक्ति मिलती है।
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