Civic Elections:
रांची। झारखंड सरकार ने 16 वें वित्त आयोग से अगले पांच सालों के लिए 3.03 लाख करोड़ रुपए अनुदान की मांग की है। राज्य के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने शुक्रवार को आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया के नेतृत्व में आई टीम को मेमोरेंडम सौंपा। उन्होंने राज्य सरकार का पक्ष रखते हुए 23 विभागों के लिए विभागवार अनुदान की मांग का ब्यौरा दिया। केंद्रीय करों में राज्यों की हिस्सेदारी को 41 से बढ़ाकर 55% करने की मांग की।
Civic Elections:
आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया ने बैठक के बाद सरकार की मांगों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार इस साल स्थानीय निकायों का चुनाव करा लेती है, तो तीन वर्षों का पैसा भी मिल जाएगा। यदि चुनाव नहीं हुए, तो फंड लैप्स हो जाएगा। झारखंड में निकायों का कार्यकाल अप्रैल 2023 में खत्म हो गया है। चुनाव नहीं होने से वर्ष 2023-24 का 674 करोड़ और 2024-25 का 713 करोड़ रुपए नहीं मिले हैं।
2025-26 के लिए अनुदान राशि 728 करोड़ है। चुनाव नहीं हुए तो झारखंड को 2115 करोड़ से वंचित होना पड़ेगा। इससे पहले, वित्त मंत्री ने आयोग की टीम से कहा कि जुलाई 2022 के बाद से जीएसटी कंपनसेशन बंद है। जीएसटी आधारित कर व्यवस्था होने से झारखंड को भारी नुकसान हो रहा है।
Civic Elections: राज्य ने मांगी बकाया राशिः
नगर विकास मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने नगर निकायों और पंचायतों के बकाए राशि की मांग दोहराई। कहा-राज्य सरकार चुनाव कराने की कोशिश कर रही है। चुनाव कराने पर ही राशि मिलने की शर्त है। पर, 20-25% राशि रोक कर शेष राशि मिल सकती थी। केंद्र और राज्य सरकार वित्त आयोग के लिए बड़े और छोटे बेटे के समान है, इसलिए भेदभाव नहीं होना चाहिए। बता दें कि निकाय चुनाव नहीं होने से राज्य को 2115 करोड़ रुपए का सीधा नुकसान होगा।
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