रांची। रांची स्मार्ट सिटी केंद्रीय एजेंसियों और बैंकों का पसंदीदा प्लेस बनता जा रहा है।
धुर्वा में 656 एकड़ एरिया में डेवलप हुए रांची स्मार्ट सिटी के एडीबी एरिया में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट, बैंक ऑफ बड़ौदा और नाबार्ड बैंक समेत कई एजेंसियां जमीन तलाश रही हैं।
इन एजेंसियों और बैंकों ने रांची स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन से एडीबी एरिया में ऑफिस और रेसिडेंशियल यूज के लिए जमीन लेने के लिए एप्रोच किया है।
इसे लेकर स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन के सीईओ और सीएमडी के नाम से आवेदन दिये गये हैं। इन आवेदनों पर विचार करने के बाद स्मार्ट सिटी जमीन देने को लेकर फैसला लेगा।
बता दें कि इससे पहले स्मार्ट सिटी ने रांची नगर निगम को अपोलो अस्पताल के लिए स्मार्ट सिटी में 2.75 एकड़ जमीन मुहैया कराया है।
अपोलो यहां 250 बेड का मल्टी सुपर स्पेशियिलिटी अस्पताल खोलेगा। वहीं यातायात विभाग के आवेदन पर कार्रवाई करते हुए स्मार्ट सिटी में ट्रैफिक पार्क बनाने के लिए उसे 3.5 एकड़ जमीन दी गई है, जबकि जुडको को मंत्री बंगलो बनाने के लिए 9 एकड़ जमीन दी गई थी।
ई-ऑक्शन के जरिये अबतक 16 प्लॉट की नीलामी
रांची स्मार्ट सिटी में अबतक 16 प्लॉट को ई ऑक्शन के जरिये निवेशकों को की गई है। अप्रैल 2024 में स्मार्ट सिटी के चौथे चरण के ऑक्शन के तहत 5 निवेशकों ने उंची बोली लगाकर जमीन अपने नाम की है।
चौथे चरण में मेडिकल कॉलेज, टेक्निकल कॉलेज और स्कूल के लिए जमीन आवंटित की गई है।
स्कूल के लिए रिजर्व कुल 9 एकड़ का प्लॉट मानवीय वैभव विकास न्यास को आवंटित किया गया है।
वहीं इक्फाई यूनिवर्सिटी को टेक्निकल कॉलेज के लिए 10 एकड़ जमीन दी गई है। राहट पाथ फाउंडेशन जेवी को मेडिकल कॉलेज के लिए 8 एकड़ जमीन मिली है।
रजिस्ट्री पूरी, अब शुरू होगा काम
स्मार्ट सिटी के 51 प्लॉट के लिए सबसे पहले मार्च 2021 में नीलामी शुरू हुई थी। पहली बार के ई-ऑक्शन में कुल 9 निवेशकों को जमीन आवंटित की गई थी।
इनमें रेसिडेंसियल यूज और मिक्स यूज की जमीन थी। इसके बाद अप्रैल 2023 तक हुए दो फेज के ऑक्शन में एक-एक निवेशकों को जमीन मिली।
पहले, दूसरे और तीसरे फेज में जिन निवेशकों ने जमीन ली है उनके प्लॉट की रजिस्ट्री हो चुकी है। जल्द ही उसपर काम शुरू होने वाला है।
पहले चरण में स्मार्ट सिटी में 52.19 एकड़ जमीन पर करीब 5000 फ्लैट का निर्माण किया जाएगा।
नक्शा स्वीकृत होने के बाद इसी साल निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा और अगले दो साल में निर्माण कार्य पूरा हो सकता है।
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