रांची। हजारीबाग जिले में बड़कागांव के मेगालिथ स्थल पर गुरुवार की सुबह सूर्योदय का अद्भुत नजारा देखने को मिला। यह नजारा कल यानी शुक्रवार की सुबह भी दिखेगा। बड़कागांव के पंकरी बरवाडीह के मेगालिथ स्थल पर सूर्योदय का अद्भुत नजारा देखने के लिए सैलानियों की अच्छी खासी भीड़ जुटी। यह स्थल हजारीबाग-बड़कागांव रोड के पंकरी बरवाडीह के भोक्ता स्थान तालाब के पास पूरब दिशा में है। यहां हर साल 20 और 21 मार्च की सुबह सूर्योदय के अद्भुत नजारे को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग जुटते हैं।
खगोलीय घटना की ये है वजहः
सम दिवारात्रि के मौके पर 20 मार्च को सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण की ओर करवट लेते दिखायी देते हैं। यहां 23 सितंबर को भी सूर्योदय के अद्भुत नजारे को देखा जाता है। 20 और 21 मार्च को सूर्योदय के अद्भुत नजारा को देखने के लिए खगोलप्रेमी समेत सैकड़ों लोग यहां जुटते हैं। यह घटना खगोलीय एक्विनॉक्स के कारण घटती है। इस तरह का नजारा बेल्जियम, इंग्लैंड, मध्य अमेरिका में भी देखा जाता है।
क्या है एक्विनॉक्स?
खगोल शास्त्र के अनुसार हर 20 और 21 मार्च एवं 23 सितंबर को रात-दिन बराबर होने के कारण सूर्य की किरणें विषुवत रेखा पर सीधी पड़ती हैं। ऐसी स्थिति में कोई भी धुर्व सूर्य (Dhurva Surya) की ओर नहीं झुका होता है, जिस कारण पृथ्वी पर दिन व रात बराबर होते हैं। 23 सितंबर को उत्तरी गोलार्द्ध में शरद ऋतु होती है, जबकि दक्षिणी गोलार्द्ध में वसंत ऋतु होती है। वहीं 20 व 21 मार्च को स्थिति इसके विपरीत होती है। यही कारण है कि इन इलाकों में इन तीन दिनों सूर्योदय का अद्भूत नजारा दिखाई देता है।
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