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रांची। रांची में छठ पूजा 2025 से पहले सुरक्षा की चिंता बढ़ गई है। इस साल मानसून ने रिकॉर्ड तोड़ बारिश की है, जिससे शहर के कई तालाबों में जलस्तर सामान्य से 51% अधिक बढ़ गया है। नगर निगम द्वारा किए गए सर्वे में 74 घाटों में से 26 घाटों को हाई रिस्क जोन घोषित किया गया है। इन घाटों पर सीढ़ियों से उतरते ही पानी की गहराई 7 से 8 फीट तक पहुंच रही है, जो व्रतधारियों और श्रद्धालुओं के लिए बड़ा खतरा है।
हाई रिस्क घाटों में शामिल हैं:
कांके डैम, हातमा तालाब, तिरिल बस्ती कोकर तालाब, जोड़ा तालाब बरियातू, चडरी तालाब, अरगोड़ा तालाब, मधुकम तालाब, धुर्वा डैम, स्वर्णरेखा घाघरा घाट और अन्य प्रमुख घाट। इसके अलावा 14 घाट मीडियम रिस्क और 34 घाट सामान्य श्रेणी में हैं। मीडियम रिस्क घाटों पर रेड रिबन लगाकर खतरे की पहचान की जाएगी।नगर निगम ने जिला प्रशासन को पत्र लिखकर एनडीआरएफ जवानों की तैनाती की मांग की है। प्रमुख तालाबों और डेंजर जोन वाले घाटों पर बचाव दलों की प्रतिनियुक्ति जल्द ही की जाएगी। कई तालाबों में बैरिकेडिंग अभी पूरी नहीं हुई है, जिसे लेकर प्रशासन ने चिंता जताई है।
शहरवासियों और श्रद्धालुओं से गई अपील
शहरवासियों और श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे चिह्नित सुरक्षित घाटों पर ही पूजा करें, बच्चों और बुजुर्गों को गहरे पानी में न ले जाएं, और बैरिकेडिंग पार न करें। नगर निगम ने कहा कि सुरक्षा उपायों का पालन करने से ही छठ पूजा सुरक्षित और शांतिपूर्ण ढंग से मनाई जा सकती है।
इस साल रांची के घाटों की सुरक्षा विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि बढ़ा जलस्तर और भारी बारिश व्रतधारियों के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकती है। प्रशासन और बचाव दलों ने सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली हैं, ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।
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