रांची। झारखंड सरकार ने शुक्रवार को वकीलों के लिए तीन बड़े फैसले लिए। 65 साल से अधिक उम्र वाले जिन वकीलों ने लाइसेंस सरेंडर कर दिया है, उन्हें सरकार हर महीने सात हजार रुपए पेंशन देगी।
इन वकीलों को अब तक अधिवक्ता कल्याण कोष से सात हजार रुपए मिलते थे। अब इन्हें कुल 14 हजार रुपए पेंशन मिलेगी। यह व्यवस्था इसी वित्तीय वर्ष से लागू होगी।
इसके लिए झारखंड अधिवक्ता कल्याण निधि न्यास समिति को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 1.60 करोड़ रुपए का अनुदान देने की स्वीकृति दी गई। यह फैसला कैबिनेट की बैठक में लिया गया। बैठक में कुल 63 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।
बैठक के बाद कैबिनेट सचिव वंदना दादेल ने बताया कि नए वकीलों को पहले तीन साल तक स्टाइपेंड के रूप में अधिवक्ता कल्याण कोष से प्रतिमाह एक हजार रुपए मिलते थे।
अब उन्हें पांच हजार रुपए मिलेंगे। इनमें ढाई हजार रुपए सरकार देगी। इसके लिए भी सरकार ने डेढ़ करोड़ रुपए के अनुदान भुगतान की मंजूरी दी।
इसके अलावा राज्य के 30 हजार से अधिक वकीलों को पांच लाख रुपए का चिकित्सा बीमा भी होगा।
इसके लिए 6000 रुपए का प्रीमियम भी सरकार अधिवक्ता कल्याण निधि न्यास को देगी। इसके लिए भी नौ करोड़ रुपए के भुगतान की स्वीकृति दी गई।
महाधिवक्ता राजीव रंजन ने बताया कि झारखंड पहला राज्य है, जहां सरकार वकीलों को पेंशन देगी।
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