झारखण्ड आंदोलनकारियों की एकजुटता का लिया संकल्प
रांची। पूर्व सांसद, झारखण्ड स्वशासी परिषद (जैक) के पूर्व उपाध्यक्ष एवं झारखण्ड मज़दूर मोर्चा के अध्यक्ष डॉ. सूरज मंडल ने कहा है कि झारखण्ड विधानसभा का आगामी चुनाव वास्तव में गैर आंदोलनकरियों, भ्रष्ट और आपराधिक प्रवृति के लोगों के साथ ही झारखण्ड विरोधियों को झारखण्ड की सत्ता से बाहर करने की वैसी लड़ाई है जिसे हर हाल में जीतना ही होगा।
झारखंड आंदोलनकारी मोर्चा की बैठकः
राजधानी रांची के करमटोली चौक स्थित धूमकुड़िया भवन में झारखण्ड आंदोलनकारी मोर्चा की बैठक की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने कहा कि लम्बे समय से झारखण्ड विरोधियों का राज्य की सबसे में कायम रहना ही यहां की बड़ी एवं विकट समस्याओं की जड़ में है और इसी के कारण वे सारे सपने टूट गये जो इस राज्य के विकास व आदिवासियों, मूलवासियों और इस प्रदेश के लोगों की ख़ुशी के लिये झारखण्ड राज्य गठन आंदोलन के दौरान देखा गया था।
सत्ता की चाबी अपने हाथ में लेकर रहेंगेः
डॉ मंडल ने कहा कि झारखण्ड को परेशानियों से मुक्ति प्रदान करने के लिए एकमात्र रास्ता यही बचा है और जिस प्रकार से आंदोलनकरियों ने अलग प्रदेश लिया है वैसे ही वे सत्ता की चाबी अपने हाथ में लेकर विकसित और ख़ुशहाल झारखण्ड बनायेंगे। श्री मंडल ने कहा कि सरकार का ध्यान अपने भ्रष्टाचार पर लीपापोती करने और सत्ता बचाने
पर है।
मौके पर झारखण्ड आंदोलनकारी प्रभाकर तिर्की ने कहा कि सभी पाँच प्रमंडल में आंदोलनकारियों की गोलबन्दी कर वैसे प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतारा जाये जो अलग राज्य गठन के आंदोलनकारी रहे हैं।
बैठक में अपने विचार व्यक्त करते हुए पूर्व विधायक बहादुर उरांव ने कहा कि सूरज मंडल के नेतृत्व में झारखण्ड आंदोलनकरियों की आक्रोशपूर्ण लड़ाई की जरूरत है, क्योंकि इसी से झारखण्ड की स्थिति सुधरेगी।
उन्होंने कहा कि भाजपा से बहुत भरोसा था लेकिन उसमें वैसे तत्व भी शामिल हो चुके हैं जो आपराधिक प्रवृति के हैं।
आंदोलनकारी विनोद कुमार भगत ने कहा कि आगामी चुनाव में झारखण्ड आंदोलनकारियों को एकजुटता के साथ अपनी बातों को मुखरता से लोगों के सामने रखना सबसे जरूरी है।
बैठक में आंदोलनकारी सूरज प्रसाद स्वर्णकार ने कहा कि गैर आंदोलनकारियों को सत्ता से उखाड़ फ़ेंकने की बजाय झारखण्ड की स्थिति में सुधार के लिये कोई और रास्ता नहीं बचा है।
बैठक को पुष्कर महतो, रवि नंदी, सुरेन्द्र राज (गोमिया), संजीव कुमार वर्मा (रामगढ़), रामजी भगत (पाकुड़), अब्दुल कलाम (डालटनगंज), जयश्री दास, मानव घोष, किनू हेमब्रम, सुखदेव जी, अरुण कश्यप, जुबैर अहमद अंसारी, शफ़ीक़ आलम सहित अन्य अनेक आन्दोलनकारियों ने सम्बोधित किया।
इस बैठक में आन्दोलनकारियों की मुख्य समस्याओं के साथ ही राज्य की वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों पर विशेष रूप से विचार-विमर्श किया गया और एकजुटता के साथ आगे बढ़ने का निर्णय लिया गया।
बैठक में झारखण्ड आन्दोलनकारियों की 16 सदस्यीय कोर कमेटी का गठन किया गया और सभी पाँच प्रमंडल के लिये कमेटी गठित की गयी जिसकी एक सप्ताह के अंदर पहली बैठक होगी।
इसे भी पढ़ें
झारखण्ड के सर्वांगीण विकास में मदद करेगी अज़ीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी : हेमंत सोरेन