न्यूयार्क, दिल्ली, एजेंसियां। गौतम अडानी के अडानी ग्रुप के खिलाफ अमेरिका में जांच की जा रही है।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, ये जांच रिश्वतखोरी के एक आरोप को लेकर हो रही है। ये पूरा मामला एक एनर्जी प्रोजेक्ट से जुड़ा बताया जा रहा है।
अधिकारी ये पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि अडानी समूह या इससे जुड़े लोगों ने क्या भारतीय अधिकारियों को एक एनर्जी प्रोजेक्ट में मन मुताबिक, काम करवाने के लिए रिश्वत देने में शामिल थे या नहीं।
इस जांच के दायरे में भारतीय रिन्युएबल एनर्जी कंपनी, अजोर पावर ग्लोबल लिमिटेड भी शामिल है। इससे पहले बीते वर्ष अमेरिका की एक शॉर्ट सेलिंग कंपनी ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ ने अडानी ग्रुप के खिलाफ एक रिसर्च पेपर जारी किया था।
इसमें अडानी समूह को काफी नुकसान झेलना पड़ा था। हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी समूह पर अपने स्टॉक्स के प्राइस के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया था। हालांकि अडानी समूह ने हिंडनबर्ग की इस रिपोर्ट का सिरे से खारिज कर दिया था।
इस मामले में अडानी ग्रुप का कहना है कि वह भारत और ग्लोबल लेवल पर भ्रष्टाचार विरोधी कानूनों का पालन करते हैं।
ग्रुप को अपने चेयरमैन के खिलाफ किसी भी जांच की जानकारी नहीं है। अडानी ग्रुप और Azure दोनों भारत के नवीकरणीय ऊर्जा उद्योग में प्रमुख प्रतिस्पर्धी हैं और उन्होंने सौर परियोजनाओं के लिए अनुबंध हासिल किए हैं।
Azure को पिछले साल अवैध भुगतान के आरोपों के बीच समस्याओं का सामना करना पड़ा था और उसे न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज से हटा दिया गया।
गौतम अडानी ने हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों सहित सभी पिछले आरोपों से इनकार किया है। उन्हें ‘दुर्भावनापूर्ण’ और ‘झूठी कहानियां’ करार दिया है।
इसके समानांतर भारत अडानी ग्रुप की अपनी जांच कर रहा है, जिसमें देश की शीर्ष अदालत ने नियामक जांच को तेजी से पूरा करने का आदेश दिया है।
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