नई दिल्ली : देश के प्रख्यात उद्योगपति और महिंद्रा एंड महिंद्रा के चेयरमैन एमिरेट्स केशब महिंद्रा का बुधवार को निधन हो गया। वे 99 साल के थे। बुधवार को मुंबई स्थित अपने घर में उन्होंने आखिरी सांस ली। महिंद्रा ग्रुप की कमान उन्होंने 48 सालों तक संभाले रखी थी। उनके कार्यकाल में ही महिंद्रा ग्रुप ने ऑटोमोबाइल सेक्टर के बाहर आइटी, रियल एस्टेट, फिनांशियल सर्विसेज और हॉस्पिटैलिटी जैसे कारोबार में विस्तार किया था।
व्हार्टन और यूनिवर्सिटी ऑफ पेंसिलवेनिया से पढ़ाई करनेवाले केशब महिंद्रा वर्ष 1947 में महिंद्रा एंड महिंद्रा से जुड़े थे और 1963 में चेयरमैन बने थे। वर्ष 2012 में उन्होंने महिंद्रा ग्रुप की कमान अपने भतीजे आनंद महिंद्रा को सौंप दी थी। हालांकि वे कंपनी के निदेशक मंडल में बने रहे।
आनंद महिंद्रा उस वक्त कंपनी में वाइस चेयरमैन और एमडी थे। वह सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की कई संगठनों के बोर्ड और परिषद में शामिल रहे। वह हुडको के संस्थापक चेयरमैन थे। इसके अलावा वह कई कंपनियों मसलन सेल, टाटा स्टील, टाटा केमिकल्स, इंडियन होटल्स, आईएफसी, आईसीआईसीआई और एचडीएफसी के बोर्ड में भी रहे।
वाहन विनिर्माताओं के संगठन सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) के अध्यक्ष विनोद अग्रवाल ने बयान में कहा कि भारतीय वाहन उद्योग ने अपने अग्रणी लोगों में से एक को आज खो दिया है। उन्होंने कहा कि भारतीय वाहन उद्योग की यात्रा के शुरुआती वर्षों में उनके नेतृत्व ने देश को वैश्विक स्तर पर एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी के रूप में पहचान दिलाई। उनकी मदद से ही भारत वाहन क्षेत्र का विनिर्माण केंद्र बन सका। केशब 1964 में सियाम के अध्यक्ष थे।