नई दिल्ली, एजेंसियां: भारत ने सिंधु जल संधि (IWT) में संशोधन की मांग करते हुए पाकिस्तान को एक नोटिस किया है।
नोटिस के अनुसार, भारत ने लिखा है कि वर्तमान परिदृश्य को देखते हुए संधि को उसके मौजूदा स्वरूप में बनाए रखना अब संभव नहीं है, इसलिए इसमें संशोधन की आवश्यकता है।
भारत ने संधि को एकतरफा करार दिया है और सुझाव दिया है कि विभिन्न प्रावधानों का पुनर्मूल्यांकन करने की आवश्यकता है।
भारत में सुरक्षा विश्लेषकों का तर्क है कि देश के बड़े आकार, जनसंख्या और बढ़ती जल आवश्यकताओं को देखते हुए यह संधि अनुचित है।
सिंधु जल संधि (IWT) भारत और पाकिस्तान के बीच जल-बंटवारे का एक समझौता है, जिस पर 19 सितंबर, 1960 को हस्ताक्षर किए गए थे।
सिंधु नदी प्रणाली में तीन पूर्वी नदियां (रावी, ब्यास और सतलज और उनकी सहायक नदियां) और तीन पश्चिमी नदियां (सिंधु, झेलम और चिनाब और उनकी सहायक नदियां) शामिल हैं।
IWT के मुताबिक, भारत सिंधु प्रणाली के कुल जल का लगभग 20% नियंत्रित करता है, जबकि पाकिस्तान को लगभग 80% मिलता है।
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