नई दिल्ली,एजेंसियां। कैंसर दुनियाभर में तेजी से बढ़ती स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है और यह मृत्यु के प्रमुख कारणों में भी शामिल है। हाल ही में हुए अध्ययनों से पता चला है कि कोलन कैंसर के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है, खासकर युवाओं में। हर साल लाखों लोग इस कैंसर के कारण अपनी जान गंवा रहे हैं। यदि समय पर इसका पता लग सके तो मृत्युदर को काफी कम किया जा सकता है।
आहार में बदलाव से कोलन कैंसर का खतरा 15% तक कम हो सकता है
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, कुछ आहार संबंधी बदलावों से कोलन कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है। अमेरिकन कैंसर सोसाइटी के अनुसार, 54 वर्ष और उससे कम उम्र के लोगों में कोलन कैंसर के करीब 20 प्रतिशत मामले सामने आते हैं। एक अध्ययन के अनुसार, यदि डाइट में फाइबर और हेल्दी अनसेचुरेटेड फैट को शामिल किया जाए तो यह कैंसर के जोखिम को 15 प्रतिशत तक कम कर सकता है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
विशेषज्ञों के अनुसार, फाइबर वाले खाद्य पदार्थ आंतों में स्वस्थ बैक्टीरिया को बढ़ावा देते हैं, जो सूजन (इंफ्लामेशन) और कैंसर के जोखिम को कम करने में मदद करते हैं। इसके अलावा, विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि चीनी और शराब से बचना और स्वस्थ वसा और फाइबर से भरपूर आहार अपनाना कोलन कैंसर के खतरे को कम करने के लिए बेहद जरूरी है।
क्या खाएं और क्या न खाएं?
कोलन कैंसर के जोखिम को कम करने के लिए कुछ खाद्य पदार्थों से परहेज करना भी आवश्यक है। रेड और प्रोसेस्ड मीट, प्रोसेस्ड कार्बोहाइड्रेट्स, शर्करा युक्त पेय और शराब जैसे पदार्थ कोलन कैंसर के खतरे को बढ़ा सकते हैं। इसके बजाय, अधिक फल, सब्जियां, साबुत अनाज और डेयरी उत्पादों का सेवन किया जाना चाहिए, जो इस कैंसर के जोखिम को कम करने में मदद करते हैं।
कोलन कैंसर का समय पर निदान
समय पर निदान से कोलन कैंसर के इलाज में सफलता मिल सकती है। हाल ही में किए गए एक शोध के अनुसार, एक नया रक्त परीक्षण ट्यूमर से रक्त प्रवाह में रिलीज होने वाले डीएनए का पता लगा सकता है, जिससे कोलन कैंसर का जल्दी निदान संभव हो सकता है। इस परीक्षण की सटीकता 87 प्रतिशत पाई गई है, जिससे भविष्य में इस बीमारी का पता जल्दी चल सकेगा और उपचार की प्रक्रिया को तेज किया जा सकेगा।
इसे भी पढ़ें