Tuesday, July 8, 2025

How to open a Blood Bank: कैसे खोलें ब्लड बैंक, क्या है प्रक्रिया

कैसे खोलें ब्लड बैंक

ब्लड बैंक

भारत दुनिया में सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला देश है। पूरे देश में अलग-अलग भौगोलिक वातावरण होने के कारण बीमारियां भी अलग-अलग तरह की है।

इसलिए यहां हर भौगौलिक क्षेत्र में ब्लड बैंक की जरूरत है। क्योंकि इतने बड़े जनसंख्या वाले देश में प्रतिदिन हजारों हज़ार लोगों को किसी न किसी कारणवश रक्त की जरूरत पड़ती ही रहती है।

यही कारण है की आज लगभग हर बड़े हॉस्पिटल का अपना ब्लड बैंक होता है। अब शहरों और कस्बो में निजी ब्लड बैंक का धंधा भी खूब फल फूल रहा है।

बावजूद इसके रक्त की मांग बनी रहती है, क्योंकि आपूर्ति मांग से कम है। यही कारण है की सिर्फ हॉस्पिटल के बाहर अलग से भी लोग Blood Bank खोल रहे हैं।

रक्त जीवन प्रदान करने वाला तरल है। मानव ह्रदय प्रत्येक चौबीस घंटे में ह्रदय रक्त वाहिकाओं के माध्यम से 36000 लीटर रक्त को पंप करता है।

मतलब मनुष्य जीवन के लिए रक्त बेहद जरूरी है। इसके बिना जीवन की कल्पना तक नहीं की जा सकती।

भारत में स्वास्थ्य उद्योग तेजी के साथ फल फूल रहा है, लेकिन आज भी दूषित रक्त की अनियंत्रित बिक्री एवं खरीद के कारण कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ती है।

इसीलिए रक्त की मांग जिस अनुपात में बढ़ रही है, उसे देखते हुए ब्लड बैंक कम रड़ रहे हैं।

आज जो भी व्यक्ति खुद का ब्लड बैंक शुरू करना चाहते हैं उन्हें पहले राज्य के नियमों एवं मानकों के बारे में अच्छी तरह से जानकारी होनी जरूरी है।

देखा जाय तो रुधिर प्रदान करने वाला यह व्यवसाय मानवता एवं इंसानियत से जुड़ा हुआ है इसलिए अक्सर लोग इसे बिजनेस कहने से भी कतराते हैं।

लेकिन, सच्चाई यह है कि इस तरह का व्यापार करके उद्यमी अच्छी खासी कमाई भी कर रहे हैं।

चर्चा कर रहे हैं कि कोई भी व्यक्ति अपना खुद का ब्लड बैंक कैसे शुरू कर सकता है।

ब्लड बैंक कैसे शुरू करेः

  1. फ्रैंचाइज़ी या खुद की स्थापना का निर्णय लें
  2. लोकेशन का चयन करें
  3. लाइसेंस एवं रजिस्ट्रेशन प्राप्त करें
  4. आवश्यक उपकरणों की खरीदारी करें
  5. प्रशिक्षण प्राप्त करें
  6. ब्लड स्टोरेज एवं ट्रांसपोर्टेशन की उचित व्यवस्था करें

ब्लड बैंक क्या हैः

ब्लड बैंक ऐसा स्थान, संगठन, संस्थान, इकाई या एक व्यवस्था है, जहां से रक्त का संग्रह भण्डारण, प्रसंस्करण, वितरण आदि प्रक्रियाओं को अंजाम दिया जाता है।

यहां पर रक्त दानकर्ताओं द्वारा रक्त दान भी किया जा सकता है और इस रक्त को यह संस्थान उचित मानकों का अनुसरण करते हुए संग्रह, भण्डारण, प्रसंस्करण एवं वितरण का कार्य करते हैं।

एक ब्लड बैंक में एफेरेसिस की प्रक्रिया को भी अंजाम दिया जाता है। यह एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसके द्वारा किसी डोनर के रक्त से प्लाज्मा, प्लेटलेट्स या ल्यूकोसाइट्स को अलग किया जाता है और उसके बाद उसी डोनर में बचे हुए ब्लड को दुबारा चढ़ा दिया जाता है।

चूँकि यह मनुष्य के स्वास्थ्य और मानव जीवन से जुड़ा व्यवसाय है, इसलिए एक ब्लड बैंक शुरू करने के लिए लाइसेंस की आवश्यकता होती है।

बिना लाइसेंस के इस तरह का व्यापार करना ड्रग्स एवं कॉस्मेटिक अधिनियम के तहत एक क़ानूनी अपराध है।

ब्लड बैंक की जरूरतः

एक आंकड़े के मुताबिक भारत दुनिया में सबसे अधिक रक्त की कमी से जूझने वाला देश है। यहाँ हजारों लोग समय पर रक्त न मिलने के कारण अपनी जिन्दगी से हाथ धो बैठते हैं।

हालांकि वर्तमान में सार्वजनिक क्षेत्र में, रेड क्रोस सोसाइटी, एनजीओ एवं प्राइवेट सेक्टर सभी ब्लड बैंक स्थापित करने एवं इन्हें संचालित करने में अपनी अपनी भूमिका निभा रहे हैं।

एक आंकड़े के मुताबिक देश में प्रतिवर्ष लगभग 60 मिलियन सर्जरी ऐसी की जाती हैं, जिनमें रक्त की आवश्यकता होती है।

देश में प्रतिदिन 1200 से अधिक सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। प्रति वर्ष 200 मिलियन ऑपरेशन, 331 मिलियन कैंसर के उपचार सम्बंधित प्रक्रियाएं, 10 मिलियन गर्भावस्था से जुड़ी जटिलताएं ऐसी हैं, जिनमें रक्त चढ़ाने की आवश्यकता हो सकती है।

इसलिए रक्त की इस मांग की पूर्ति के लिए लगभग हर भौगौलिक क्षेत्र में ब्लड बैंक का होना जरूरी है।

जैसा की हम सब जानते हैं सरकारी एवं एनजीओ द्वारा संचालित ब्लड बैंकों का प्रमुख मकसद मानवता की सेवा ही होता है।

इसलिए अक्सर इन संस्थानों में लोग ब्लड डोनेशन के लिए अधिक पहुँचते हैं। लेकिन जब बात निजी या प्राइवेट क्षेत्र के ब्लड बैंकों की होती है तो सभी जानते हैं कि यह काम लाभ कमाने के उद्देश्य से ही शुरू किया है।

ब्लड बैंक का संचालनः

बहुत सारे ब्लड बैंक पेड डोनर के माध्यम से ब्लड संग्रहित करते हैं और उसमें से प्लाज्मा, प्लेटलेट्स या ल्यूकोसाइट्स को अलग अलग करके भंडारित करते हैं और जरुरतमंदों को इन्हें उच्च दामों में बेचते हैं।

लेकिन चूँकि ये प्रोफेशनल डोनर होते हैं इसलिए इनका रक्त किसी और के लिए खतरा भी हो सकता है।

ब्लड बैंक कैसे शुरू करेः

मानव जीवन से बड़ा कुछ नहीं है। जीवन प्रदान करने में रक्त का अहम् योगदान है। इसलिए ब्लड बैंक को चलाने में दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ता है।

ब्लड बैंक ऐसे शुरू किया जा सकता हैः

फ्रैंचाइज़ी या खुद का निजीः

व्यवसाय शुरू करने के दो तरीके होते हैं एक तरीका पहले से स्थापित ब्रांड के तहत व्यवसाय करने का होता है, जिसे फ्रैंचाइज़ी मॉडल भी कहा जाता है।

दूसरा खुद का ब्रांड स्थापित करके स्वतंत्र रूप से व्यवसाय शुरू करने का होता है। ब्लड बैंक शुरू करने के लिए भी उद्यमी के पास दो विकल्प होते हैं।

फ्रैंचाइज़ी के तहत हर बिक्री पर मूल कंपनी, जिसके ब्रांड के तहत वह बिजनेस कर रहा हो को कुछ कमीशन देने की आवश्यकता होती है।

वहीँ स्वतंत्र रूप से इस तरह का व्यवसाय करने पर किसी को किसी प्रकार का कोई कमीशन देने की आवश्यकता नहीं होती है।

लोकेशन का चयनः

ब्लड बैंक शुरू करने के लिए भी उपयुक्त लोकेशन का चयन करना जरूरी है। जगह ऐसी हो, जहां आसानी से डोनर भी मिल जायें, नजदीक में अस्पताल होने से बिक्री भी अच्छी होती है।

इसलिए उद्यमी को किसी ऐसी लोकेशन का चयन करना चाहिए जहाँ से उसे अधिक से अधिक रक्त दान करने वाले लोग मिल सकें।

इसके अलावा यदि ब्लड बैंक की यह लोकेशन किसी भीड़ भाड़ वाली जगह, हॉस्पिटल, नर्सिंग होम इत्यादि के नज़दीक हो तो इस तरह के व्यवसाय के सफल होने की अधिक संभावना होती है।

उद्यमी को कम से कम 500-700 स्क्वायर फीट की जगह की आवश्यकता हो सकती है। इसमें ब्लड डोनेशन वाली जगह से लेकर ब्लड स्टोरेज, लैब, ऑफिस इत्यादि के लिए जगह की आवश्यकता होगी।

लाइसेंस एवं रजिस्ट्रेशन प्राप्त करेः

ब्लड बैंक शुरू करने के लिए उद्यमी को तरह तरह के लाइसेंस एवं रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता हो सकती है।

सबसे पहले तो उद्यमी को अपने ब्लड बैंक के लिए वैधानिक मंजूरी लेनी होगी। इसके तहत अपने बिजनेस को विभिन्न बिजनेस एंटिटी जैसे प्रोप्राइटरशिप, पार्टनरशिप, प्राइवेट लिमिटेड कंपनी, वन पर्सन कंपनी इत्यादि में से किसी एक के तहत रजिस्टर कराना होगा।

उसके बाद उद्यमी को बैंक में चालू खाता, एमएसएमई रजिस्ट्रेशन, टैक्स रजिस्ट्रेशन इत्यादि करने की भी आवश्यकता होगी।

लेकिन इस व्यवसाय को शुरू करने में एक बेहद जरुरी लाइसेंस फ़ूड सेफ्टी एवं ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन भी चाहिए होता है।

यही वह लाइसेंस होता है जिसके बाद उद्यमी ब्लड बैंक का व्यवसाय शुरू करने के लिए पात्र हो पाता है।

आवश्यक उपकरणों की खरीदारी करें

ब्लड बैंक शुरू कर रहे उद्यमी को एक बात का विशेष ध्यान रखना होगा की किसी भी ब्लड बैंक में इस्तेमाल में लाये जाने वाले उपकरणों की लिस्ट में उसके द्वारा प्रदान की जाने वाली सर्विस के आधार पर अंतर हो सकता है।

मतलब सभी ब्लड बैंक में एक जैसे उपकरण इस्तेमाल में नहीं लाये जाते हैं। उपकरणों की लिस्ट ब्लड बैंक द्वारा प्रदान की जाने वाली सर्विस, स्थापना का आकार दैसे कार्यों पर निर्भर करता है।

लेकिन एक ब्लड बैंक में कुछ आधारभूत उपकरण जैसे रेफ्रीजिरेटर, डी फ्रीजर, इंसुलेटेड कैरियर बॉक्सेज, माइक्रोस्कोप और सेंट्रीफ्यूज, ऑटोमेटेड ब्लड टाइपिंग, ब्लड कंटेनर, बक्ट्रियोलॉजिकल इनक्यूबेटर, भार मापने वाले उपकरण, पैस्टर पिपेट, ग्लास ट्यूब, ग्लास स्लाइड, टेस्ट ट्यूब, रबर टाट, ग्लव्स, डिस्पोजेबल रबर ग्लव्स, ब्लॉटिंग या टिश्यू पेपर , टेम्परेचर रिकॉर्डर, बीपी उपकरण, डोनर चेयर इत्यादि।

यद्यपि यहाँ पर हमने कुछ आधारभूत उपकरणों की लिस्ट ही प्रदान की है इसलिए उद्यमी को अपनी व्यवसायिक योजना के मुताबिक इस बात का निर्णय लेना चाहिए कि उसे अपने ब्लड बैंक के लिए कौन कौन से उपकरणों की आवश्यकता होगी।

प्रशिक्षणः

किसी के ब्लड बैंक में जितने भी स्वास्थ्य कर्मचारी, डॉक्टर, तकनीशियन इत्यादि हों उद्यमी को चाहिए की वह उनके लिए प्रशिक्षण का प्रबंध करे।

हालांकि यदि स्टाफ अनुभवी नियुक्त किया गया है, तो उन्हें शायद ही प्रशिक्षण की आवश्यकता पड़ेगी।

लेकिन नए स्टाफ को प्रशिक्षण प्रदान करवाना बेहद जरुरी है। इसके लिए उद्यमी किसी अन्य लाइसेंस्ड ब्लड बैंक, राज्य एवं केंद्र सरकार से सर्टिफाइड केन्द्रों से प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए आवेदन कर सकता है।

ध्यान रहे उद्यमी जिस भी सेंटर का चुनाव प्रशिक्षण के लिए करे उसके पास ट्रेनिंग देने के लिए संसाधनों, इंफ्रास्ट्रक्चर इत्यादि की कोई कमी नहीं होनी चाहिए।

ब्लड स्टोरेज एवं ट्रांसपोर्टेशन की उचित व्यवस्था करें

ब्लड बैंक में ब्लड स्टोरेज एवं ट्रांसपोर्टेशन की व्यवस्था कठिन एवं चुनौतीपूर्ण कार्य है। क्योंकि रक्त को खराब होने से बचाना जरूरी होता है।

इसलिए स्टोरेज करने से पहले ब्लड की स्थिति का जायजा लिया जाता है और उसके बाद ही उसे स्टोरेज में रखा जाता है।

इसलिए रक्त चढ़ाने से उत्पन्न किसी भी समस्या के लिए स्टोरेज सेण्टर ही जिम्मेदार होता है।

यही कारण है की भण्डारण से पहले रक्त की अच्छी तरह से जांच की जानी चाहिए और उसमें किसी भी प्रकार का कोई तरल जैसे आंसू, हेमोलिसिस या फिर रंग में परिवर्तन दिखने पर उसे स्टोरेज करने के लिए नहीं रखा जाना चाहिए।

रक्त की गुणवत्ता बनाये रखने के लिए स्टोर को हमेशा साफ़ सुथरा रखना चाहिए। रक्त भण्डारण सेण्टर का निर्माण ही आपातकालीन स्थिति में रक्त की सुरक्षित एवं तेज डिलीवरी करने के उद्देश्य से किया गया है।

इसलिए रक्त को ट्रांसपोर्ट करने के दौरान अच्छी तरह से आइस पैक ठंडे बक्सों में ठीक से पैकिंग किया जाना अति आवश्यक है।

बर्फ के इस्तेमाल में काफी सावधानियां बरतनी होती है, जैसे रक्त बैग सीधे बर्फ के संपर्क में नहीं आने चाहिए।

ब्लड बैंक में रक्त को ट्रांसपोर्ट करते समय ब्लड बैंक रेफ्रीजिरेटर का भी इस्तेमाल किया जाता है, ताकि रक्त गंतव्य तक सुरक्षित पहुँच सके।

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